एक पुरानी रचना आप सभी के समक्ष प्रस्तुत करती हूँ,
जो मैंने दिनांक —3.12.2018 को लिखी थी।
कविता लिख दूँगी…!!
जिस दिन भाव उमड़ आयेंगे ,
उस दिन मैं कविता लिख दूँगी।।
अपने अन्तरभावों को तब,
कोमल शब्दों में गूँथ दूँगी||
रोके से जो रूक न पाए,
उसे प्रवाहित मन कर दूँगी||
उन प्रशांत झीलों के जैसी,
खामोशी को स्वर दे दूँगी||
ठहरी सी नदियों को फिर से,
पल में अविकल यूँ कर दूँगी||
भूली-बिसरी कुछ यादों को,
अपने गीतों से भर दूँगी ||
सुघड़ -भाव संयोजन से तब,
निज अभिव्यक्ति नव स्वर दूँगी।।
अभी धड़कन कुछ थमी हुई है,
शीत -लहर से जमी हुई है||
राग-वसंती मन आने दो,
गीत प्रेम का मैं भर दूँगी ।
जिस दिन भाव उमड़ आयेंगे,
उस दिन कविता मैं लिख दूँगी||
3.12.218
माधवी उपाध्याय