पाकिस्तान के रावलपिंडी में भी भारतीय सेना की ताकत महसूस की गई : राजनाथ
लखनऊ/नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने न केवल सीमा के पास पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया, बल्कि उनकी ताकत पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय की मौजूदगी वाले रावलपिंडी में भी महसूस की गई।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के जरिए कई महिलाओं की मांग का सिंदूर मिटाने वाली भारत विरोधी ताकतों और आतंकवादियों को दंडित किया है।
रक्षा मंत्री ने लखनऊ के ‘उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ में ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटिग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी’ का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
रक्षा मंत्री ने ब्रह्मोस मिसाल विनिर्माण इकाई को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक फैक्ट्री का उद्घाटन नहीं है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 300 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह विनिर्माण इकाई ‘उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह आत्मनिर्भर रक्षा विनिर्माण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह विनिर्माण इकाई अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों का उत्पादन करेगी, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा।
रक्षा मंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की राजनीतिक, सामाजिक और रणनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सात मई को तड़के पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया गया था। पाकिस्तानी हमलों के बाद की सभी जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई।
भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को जमीन, वायु और समुद्री क्षेत्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए सहमति बनने की घोषणा की थी।
सिंह ने कहा कि पूरा देश ‘‘इस ऑपरेशन की सफलता के लिए भारतीय सेना को बधाई दे रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति तथा सैन्य शक्ति की क्षमता और संकल्प का प्रदर्शन है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमने दिखा दिया है कि जब भी भारत आतंकवाद के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा, तो सीमा पार की जमीन भी आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए सुरक्षित नहीं होगी।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आम नागरिकों को कभी निशाना नहीं बनाया, लेकिन पड़ोसी देश ने भारत के असैन्य क्षेत्रों तथा मंदिरों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों को निशाना बनाया। भारतीय सेना ने साहस एवं संयम का परिचय दिया तथा पाकिस्तान के कई सैन्य अड्डों पर हमला करके उसे मुंहतोड़ जवाब दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने न केवल सीमा के निकट सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई की, बल्कि भारतीय सेना की ताकत रावलपिंडी में भी महसूस की गई, जहां पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय स्थित है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया ने भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के परिणामों को देख लिया है।
राजनाथ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि नया भारत सीमा के दोनों ओर आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उरी की घटना के बाद हमारी सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की, पुलवामा हमले के बाद हमने बालाकोट हवाई हमले किए और अब दुनिया देख रही है कि पहलगाम हमले के बाद कैसे भारत ने पाकिस्तान में घुसकर कई हमले किए।’’
रक्षा मंत्री ने ब्रह्मोस मिसाल विनिर्माण इकाई को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, ”यह सिर्फ एक फैक्ट्री का उद्घाटन नहीं है, बल्कि मेरा मानना है कि यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।”
उन्होंने ब्रह्मोस को भारत और रूस की सर्वोच्च रक्षा तकनीक का संगम बताते हुए कहा, ”ब्रह्मोस भारत और रूस की सर्वोच्च रक्षा तकनीक का संगम है। जिस तरह हमारा उत्तर प्रदेश प्रयाग में संगम के लिए दुनिया भर में जाना जाता है उसी तरह आने वाले समय में लखनऊ भी इस तकनीक के संगम के लिए जाना जाएगा। यह संगम अपने आप में कई विशेषताएं समेटे हुए है। आने वाले समय में यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा करेगा। मुझे यह भी विश्वास है कि आने वाले समय में यह क्षेत्र विकास की धुरी बनकर उभरेगा।”
सिंह ने कहा, ”भारत के मिसाइल मैन कहे जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा था कि जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होगा तब तक कोई भी हमारा सम्मान नहीं करेगा। इस दुनिया में डर का कोई स्थान नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत की गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में की जाती है और यह ब्रह्मोस मिसाइल फैक्ट्री भारत की शक्ति को और मजबूत करने में मदद करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटिग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी’ दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक का निर्माण करेगी, जिसकी मारक क्षमता 290 से 400 किलोमीटर तक होगी।
राज्य सरकार ने बयान में कहा कि साढ़े तीन साल में बनकर तैयार हुई लखनऊ स्थित ब्रह्मोस विनिर्माण इकाई 80 हेक्टेयर में फैली है। इसके लिए जमीन उत्तर प्रदेश सरकार ने निशुल्क उपलब्ध कराई है। तमिलनाडु के बाद ‘डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ स्थापित करने वाला उत्तर प्रदेश दूसरा राज्य है।
सिंह ने कहा, ”जैसा कि आप सभी जानते हैं कि चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र की सरकार, हमारी नीति बहुत स्पष्ट है। मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड। हमारे लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का बहुत व्यापक अर्थ है। हम इस विचार के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि हमें अपने लिए हथियार और उपकरण बनाने के साथ-साथ उन्हें पूरी दुनिया में निर्यात भी करना है।”
रक्षा मंत्री ने स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ”इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में विश्व सैन्य व्यय बढ़कर 2,718 अरब डॉलर हो गया है। हथियारों और उपकरणों के लिए एक बड़ा बाजार हमारा इंतजार कर रहा है इसलिए हमें भारत को दुनिया के लिए एक आकर्षक रक्षा उत्पाद केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ी मजबूती के साथ आगे बढ़ना है। आज उस विचार की दिशा में एक और ठोस कदम बढ़ाया गया है।”
उन्होंने कहा, ”आज हम जिस ब्रह्मोस विनिर्माण इकाई का उद्घाटन कर रहे हैं उसने अपनी शुरुआत से अब तक लगभग 500 प्रत्यक्ष और एक हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए हैं।”
सिंह ने कहा कि यह भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा यहां विकसित किये गये माहौल की वजह से संभव हुआ है। उन्होंने कहा, ”यूपीडीआईसी में अब तक 34,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ कुल 180 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और चार हजार करोड़ रुपये का निवेश पहले ही हो चुका है।”