उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री फैज अक अहमद मुमताज अध्यक्षता में कार्यालय प्रकोष्ठ में खरीफ मौसम की तुलना में कम वर्षा होने के कारण सुखाड़ की बनती स्थिति के मद्देनजर किसानों को राहत पहुंचाने के लिए आवश्यक तैयारी हेतु संबंधित पदाधिकारियों संग आहूत समीक्षा बैठक संपन्न
इस वर्ष पिछले खरीफ मौसम की तुलना में कम वर्षा होने के कारण सुखाड़ की स्थिति बनती जा रही है, जिसके मद्देनजर किसानों को राहत पहुंचाने के लिए आवश्यक तैयारी की समीक्षा बैठक आज दिनांक 26 जुलाई 2022 को कार्यालय प्रकोष्ठ में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री फैज अक अहमद मुमताज (भा.प्र.से.) के अध्यक्षता में किया गया।
बैठक में उपायुक्त द्वारा कहा गया की जिला में इस वर्ष सामान्य वर्षापात के अपेक्षा में मात्र 17.2%(लगभग) बारिश हुई है। 15 मई से 15 अगस्त के बीच बुवाई का मौसम होता है लेकिन बारिश कम होने से जिला में ओसत से बहुत कम बुवाई का काम हुआ है जो एक गंभीर विषय है।
*वैकल्पिक फसल योजना तैयार रखें साथ ही शॉर्ट ड्यूरेशन की धान वैरायटी IR64 लगाएं: उपायुक्त*
उपायुक्त द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वैकल्पिक फसल योजना तैयार रखें साथ ही कहा की कृषक गोष्टी, नुक्कड़/ नाटक एवं कृषि पाठशाला के माध्यम से सभी किसानों को कृषि परामर्श दे। लोंग ड्यूरेशन वैरायटी का धान नहीं लगाएं तथा शॉर्ट ड्यूरेशन की धान वैरायटी IR64 एवं सहभागी बीज की बुवाई करें।
उपायुक्त द्वारा संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि एफपीओ एवं निजी विक्रेताओं के साथ बैठक कर लें। लॉन्ग वैरायटी धान की बिक्री पर रोक लगा दें साथ ही किसानों को बि बिचड़ा ना डाल कर डायरेक्ट सीडेट से अच्छादन करने हेतु जागरूक करें।
*कृषकों को कृषि से संबंधित जानकारी Bulk SMS भेजे….*
कृषकों को कृषि से संबंधित जानकारी Bulk में मैसेज भेजने का कार्य करें ताकि कृषक जागरूक हो सके साथ ही कृषि परामर्श प्राप्त कर सके। इस कार्य में किसी भी प्रकार का विलंब ना करते हुए अग्रेतर कार्रवाई करें।
*कृषक गोष्टी, नुक्कड़/ नाटक एवं कृषि पाठशाला के माध्यम से अभी से ही रबी फसलों हेतु कृषकों को तैयार करवाना….*
उपायुक्त द्वारा सम्बंधित पदाधिकारी से कहा गया कि कृषक गोष्टी, नुक्कड़/ नाटक एवं कृषि पाठशाला के माध्यम से अभी से ही रबी फसलों के क्रियवान हेतु कृषकों को तैयारी प्रारंभ करवाए ताकि रबी मोसम के एक माह पूर्व सभी संबंधित आवश्यक तैयारी पूर्ण किया जा सके।
*झारखंड राज्य फसल राहत योजना के क्रियान्वयन के लिए संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया….*
उपायुक्त द्वारा कहा गया की झारखंड राज्य फसल राहत योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला सहकारिता पदाधिकारियों/जिला कृषि पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। उपायुक्त द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारी को समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्देश दिया गया है साथ ही कहा की लोगों को जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार करें।
*क्या हैं झारखंड राज्य फसल राहत योजना-*
*योजना के प्रमुख प्रावधान*
• योजना अंतर्गत लाभ केवल प्राकृतिक आपदा से होने वाले फसल क्षति के मामले में लागू।
• योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक फसल मौसम ( खरीफ एवं रबी) में अलग-अलग निबंधन एवं आवेदन करना होगा।
• योजना में भाग लेने के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।
• प्राकृतिक आपदा से हुए फसल क्षति का आकलन एवं निर्धारण क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के द्वारा किया जाएगा।
• 30% से 50% तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 3000 रूपये की सहायता राशि दी जाएगी।
• 50% से अधिक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 4000 रूपये की सहायता राशि दी जाएगी।
• अधिकतम 5 एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जाएगी।
*योजना के अंतर्गत आवेदन करने की पात्रता*
• सभी रैयत एवं बटाईदार किसान।
• किसान झारखंड राज्य के निवासी हों।
• आवेदक किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
• आवेदक किसान का वैध आधार संख्या होनी चाहिए।
• कृषि कार्य करने से संबंधित वैध भूमि दस्तावेज /भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद/ राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती /पट्टा बटाईदार किसानों द्वारा भूस्वामी से सहमति पत्र)
• न्यूनतम 10 डिसमिल और अधिकतम 5 एकड़ हेतु निबंधन।
• सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक
• आवेदक किसानों को अपना संख्या बायोमेट्रिक प्रणाली द्वारा प्रमाणित करना होगा।
*योजना में शामिल होने की प्रक्रिया*
• *http://jrfry.jharkhand.gov.in* पर स्वयं या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से पंजीकरण कराया जा सकता है।
*ऑनलाइन पंजीकरण एवं आवेदन के लिए आवश्यक सूचना एवं दस्तावेज*
• आधार संख्या
• मोबाइल संख्या
• आधार संबंध बैंक खाता विवरण
• आयतन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद( 31 मार्च 2022 तक भुगतान किया हुआ)
• वंशावली (मुखिया /ग्राम प्रधान/ राजस्व कर्मचारी /अंचल अधिकारी द्वारा निर्गत)
• सरकारी भूमि पर खेती करने हेतु राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती पट्टा (बटाईदार किसान द्वारा)
• घोषणा पत्र (रैयत और बटाईदार किसान द्वारा)
• सहमति पत्र (बटाईदार किसान द्वारा)
• पंजीकृत किसानों के चयनित फसल एवं बुवाई के रखवा का पूर्ण विवरण।
*जिन लाभुकों को केसीसी का लाभ नहीं मिला है उन्हें कैंप लगाकर लाभ दे….*
उपायुक्त द्वारा कहा गया की जिन लाभुकों को केसीसी का लाभ नहीं मिला है उन्हें कैंप लगाकर लाभ दे साथ ही संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया कि योजना की सफलता एवं सुगमतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु समय पर मॉनिटरिंग करते रहे।
*कृषकों को छोटी अवधि यथा (IR 64 धान) के बीज लगाने हेतु प्रोत्साहित करें….*
उपायुक्त द्वारा संबंधित पदाधिकारी को कहा कि किसानों को लंबी अवधि के बीजों यथा राजेंद्र मसूरी एवं एमटीयू 7029 को नहीं लगाने तथा इसके स्थान पर छोटी अवधि के बीज यथा अंजलि, ललाट, वंदना, बिरसा सुगंधा इत्यादि एवं Drought Tolerance Variety यथा IR 64 (DRT) एवं सहभागी बीज लगाने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित करें।
*कृषकों को यथासंभव इंटर क्रॉपिंग के तहत धान के साथ अरहर (कम अवधि), मक्का, मूंगफली इत्यादि लगाने हेतु प्रोत्साहित करें….*
बैठक में उपायुक्त द्वारा कहा गया कि कृषकों को वर्षापात में कमी के कारण 31 जुलाई तक कुलथी, मक्का, सरगुजा एवं तोरिया तथा 15 अगस्त तक रागी, मडुआ का फसल लगाने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। कृषकों को यथासंभव इंटरक्रॉपिंग के तहत धान के साथ अरहर (कम अवधि का), मक्का, मूंगफली इत्यादि लगाने हेतु प्रोत्साहित किया जाए ताकि कृषकों को विपरीत परिस्थिति में नुकसान ना हो।
मौके पर अपर समाहर्ता श्री सुरेंद्र कुमार, डीआरडीए निदेशक श्री जावेद अनवर इदरीसी, जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री चरणजीत खलको, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री पंकज कुमार तिवारी, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी श्री अभय परासर, एलडीएम श्री आर के बैठा, जिला कृषि पदाधिकारी श्री समसुदीन अंसारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री दीपांकर शीट, समन्वयक श्री सलिल कुमार, श्री प्रणय कुमार सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी कर्मी उपस्थित थे।