नई दिल्ली: भारत में मानसून के 1 जून के आसपास दक्षिणी तट से भारत में प्रवेश करने की संभावना है. मौसम विभाग ने गुरुवार को कहा कि चार महीने पडऩे वाली बारिश भारत जैसे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है.भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक बयान में कहा है कि मानसून की शुरुआत के लिए मौसम की स्थिति 1 जून से अनुकूल होने की संभावना है. पहली बारिश केरल में 1 जून को आ सकती है.आईएमडी ने पहले उम्मीद जताई थी कि यह 6 जून को पहुंचेगा, लेकिन साइक्लोन के बाद से कुछ जगहों पर दबाव कम होने की वजह से यह जल्दी पहुंच रहा है.भारत का लगभग आधा खेत बिना किसी सिंचाई के चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों को उगाने के लिए वार्षिक जून-सितंबर की बारिश पर निर्भर करता है.आईएमडी ने पिछले महीने कहा था कि भारत में इस साल औसत मानसून बारिश होने की संभावना है, जिससे उच्च कृषि उत्पादन की उम्मीदें बढ़ जाती हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन से गुजर रही है.पश्चिम-मध्य और दक्षिण पश्चिम अरब सागर के ऊपर साइक्लोन के प्रभाव के चलते पश्चिम मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव वाला एरिया बन गया है. उम्मीद है कि अगले 72 घंटों में ये उत्तर पश्चिम से दक्षिण ओमान और पूर्वी यमन तट की ओर बढ़ेगा.मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए केरल सरकार ने अरब सागर में मछली पकडऩे पर बैन लगा दिया है. वहीं जो मछुआरे पहले से ही समुद्र में मछली पकडऩे के लिए उतरे हैं, उन्हें भी आज रात तक वापस आने के लिए संदेशा भेज दिया गया है. जो लोग केरल तट पर नहीं पहुंच सकते हैं, उनसे कहा गया है कि वह जितना जल्दी हो सके अपने सबसे करीब से तट पर पहुंच जाएं. इससे पहले मौसम विभाग ने 6 जून को मानसून के पहुंचने का अनुमान लगाया था.