जामताड़ा/दुमका: इन दिनों नाला थाना क्षेत्र से कास्ता, प्लसथली से अवैध रूप से कोयले का उत्खनन होकर कुंडहित थाना क्षेत्र के कुंडहित- दुमका मुख्य मार्ग से होते हुए रोजाना लगभग 2 सौ से ज्यादा बाइक पर अवैध रूप से कोयले की ढुलाई होती है|प्रत्येक बाइक पर लगभग 8 से 10 क्विंटल कोयला लदाया जाता है|इस तरह से अवैध रूप से सड़क पर कोयला जाने पर एक ओर जहां यातायात प्रभावित होती है वहीं दूसरी ओर कभी-कभी लोगों को अपनी जान जोखिम पर डालना पड़ता है| आपको बताते चलें बीते दिनों कुंडहित थाना क्षेत्र अंतर्गत बरमसिया मोड़ के समीप एक अवैध रूप से बाइक पर कोयला ले जा रहे युवकों की बाइक से स्कूटी सवार की धक्का हो गई जिससे स्कूटी सवार बाप-बेटे घायल हो गए थे| इस तरह से अवैध रूप से कोयला की ढुलाई होने पर सड़क पर यातायात करने वाले राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है| यही नहीं इस तरह से कोयले की ढुलाई होने पर जो कोयले की ढुलाई करते हैं वह भी अपनी जान को जोखिम में डालते हैं| कभी-कभी यह भी हवाला आता है कि पेट पालने के लिए दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है इसीलिए मजबूरी के तहत कोयला चलाना पड़ता है| हां ठीक है रोजगार का कोई दूसरा साधन कृषि के आलावा तो है नहीं ,लेकिन इस तरह से अवैध रूप से बाइक पर 8 से 10 क्विंटल अर्थात 16 सौ या 2000 क्विंटल लगभग कोयला लादकर किसी डिपो को खफाना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार गतिविधियों को जन्म देता है | इससे कोयला माफियाओं की बल्ले-बल्ले भी होती है| आपको बता दें यह कोयला दुमका जिला अंतर्गत मसलिया थाना के हेलालजोड़ी में डीपो पर खापाया जाता है| जामताड़ा के भाजपा जिला उपाध्यक्ष अनूप यादव बताते हैं कि रोजाना कास्ता, प्लसथली से कोयले का उत्खनन कर लगभग 200 से ज्यादा की संख्या में कुंडहित-दुमका मुख्य मार्ग होते हुए दुमका जिला के मसलिया थाना क्षेत्र के हिलालजोड़ी में डिपो पर खपाया जाता है| प्रत्येक बाइक वाला बदले में पुलिस को ₹100 देता है इससे पुलिस की आमदनी भी हो जाती है| ऐसे में जामताड़ा एसपी, दुमका एसपी व दुमका डीआईजी को इस पर संज्ञान लेने की आवश्यकता है और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना चाहिए साथ ही दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर उचित कार्यवाही करने की आवश्यकता है| इस संबंध में कुंडहित थाना के थाना प्रभारी रौशन कुमार से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने इस संबंध में फोन पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया| वही मसलिया थाना के थाना प्रभारी दयाल सिंह मुंडा से भी संपर्क किया गया तो वह किसी काम के व्यस्तता बताया जिस कारण उनसे भी इस संबंध में प्रतिक्रिया नहीं मिली|वही इस संबंध में नाला के थाना प्रभारी अजीत कुमार से संपर्क किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया| ऐसे में इन सब मामलों को देखने पर पता चलता है कि पुलिस की क्या रवैया है? ऐसे में इस अवैध रूप से कोयले का व्यापार को देखकर साफ पता चलता है कि इसमें पुलिस की भी मिलीभगत कहने से इनकार नहीं किया जा सकता है|