इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा चन्द्रयान की सफलता पर भूरी भूरी प्रसंसा करता हूँ : आनन्द बिहारी दुबे
जमशेदपुर : जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे ने चन्द्रयान की सफलतापूर्वक लैंडिंग के लिए सभी वैज्ञानिकों सहित दिन रात कार्य योजना में साथ देने वाले पुरी टीम को साधुवाद दिया है।
इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा चन्द्रयान की सफलता पर भूरी भूरी प्रसंसा करता हूँ। दुनिया में भारत को स्थापित करने वाले कठिनतम कार्यो को भी हमारे वैज्ञानिकों नें मेहनत के दम पर बुद्धि कौशल का परचम लहराया है। आज हम अपने महान नेता आधुनिक भारत के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू जी के दूरदर्शिता को सलाम करता हैं कि उन्होंने सन 1962 ई में स्पेस रिसर्च सेंटर का स्थापना किया, तथा रिसर्च सेंटर का प्रथम अध्यक्ष डाॅ साराभाई को नियुक्त किया।
जिसे आगे चलकर15 अगस्त 1969 ई में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी ने किया, इसके जनक के रूप में डाॅ बिक्रम अंबालाल साराभाई जाने जाते है। आज इसरो में 17000 लोग नौकरी से जुड़े है।
इसरो संस्थान के द्वारा भारत की सबसे ज्यादा सेटेलाइट छोड़े गये है। इसरो का मुख्यालय बेंगलुरू में है। इसरो का मुख्य कार्य लांच होने वाले वेहिकल सिस्टम और साऊंडिंग राकेट का डिजाइन तैयार करना,
भारत के जनता को यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि हमारे इसरो के वैज्ञानिक साईकिल पर सेटेलाइट कैरी करने से लेकर, मार्स के आर्बिट तक के सफर को संचालित किया।
पं जवाहर लाल नेहरू ने स्पेस रिसर्च एंड आऊटर स्पेस एक्सप्लोरेशन का गठन डिपार्टमेंट आफ एटॉमिक एनर्जी के अन्तर्गत किया। इसे नेतृत्व कर रहे थे, सिनियर न्युक्लियर फिजीशिष्ट होमी जहाँगीर भाभा, 1962 में होमी
जहाँगीर भाभा ने इंडियन कमिटी फाॅर स्पेस रिसर्च का गठन किया। जिस समय पं जवाहर नेहरू, होमी जहाँगीर भाभा, डाॅ बिक्रम अंबालाल साराभाई ने स्पेस रिसर्च का सपना देखा था, उस वक्त भारत में सभी लोगों को नसीब में खाना भी नसीब हो पाता था।
भारत के विकास में इसरो के योगदान में