महावीर नायक को पद्मश्री सम्मान: झारखंड की सांस्कृतिक विरासत का गौरव और आदिवासी-मूलवासी समाज के लिए गौरव का क्षण है:विजय शंकर नायक
राष्ट्र संवाद संवाददाता
हटिया निवासी महावीर नायक को पद्मश्री सम्मान: झारखंड की सांस्कृतिक विरासत का गौरव और आदिवासी-मूलवासी समाज के लिए गौरव का क्षण है विजय शंकर नायक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा उन्होंने कहा कि आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक प्रत्याशी श्री विजय शंकर नायक ने इस उपलब्धि पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा,कि “श्री महावीर नायक का यह सम्मान झारखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि नागपुरी संस्कृति और आदिवासी-मूलवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने का प्रतीक है। महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जाना हम सभी के लिए गर्व का विषय है।”
श्री नायक ने आगे कहा कि झारखंड:के गौरव और झारखंड के प्रसिद्ध ठेठ नागपुरी गायक, जिन्हें “भिनसरिया राग के राजा” के रूप में जाना जाता है, श्री महावीर नायक को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया। यह सम्मान न केवल श्री महावीर नायक की कला और समर्पण का सम्मान है, बल्कि यह नागपुरी संस्कृति, झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, और आदिवासी-मूलवासी समाज के लिए गौरव का क्षण है। इन्होने आगे यह भी बताया कि श्री महावीर नायक ने 1962 से ठेठ नागपुरी गीत-संगीत के प्रति अपने जीवन को समर्पित कर दिया था। पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से उन्होंने नागपुरी संस्कृति को न केवल संरक्षित किया, बल्कि अपनी मधुर आवाज और भिनसरिया राग की अनूठी शैली के माध्यम से इसे वैश्विक मंचों पर पहचान दिलाई। उनकी कला ने उन्हें “भिनसरिया कर राजा” की उपाधि दिलाई, जो उनकी संगीतमय यात्रा और समर्पण का प्रतीक है।
श्री नायक ने आगे कहा कि यह सम्मान केवल एक पुरस्कार नहीं है, बल्कि यह नागपुरी संस्कृति, झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर, और उन सभी श्रोताओं का सम्मान है, जिन्होंने महावीर नायक को इतना प्यार और समर्थन दिया। यह सम्मान झारखंड की मातृभूमि और झारखंडी समुदाय के लिए प्रेरणा का विषय है ।
श्री नायक ने आगे कहा श्री महावीर नायक की कला और उनके योगदान की प्रशंसा करते हुए हमे गरव हो रहा है कि “श्री महावीर नायक ने अपनी संगीतमय कला के माध्यम से झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संरक्षित किया, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाया। उनका समर्पण और कला नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है और यह देश के सांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध करने का एक उदाहरण है। इन्होने यह भी कहा कि “यह सम्मान झारखंड के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का क्षण है। श्री महावीर नायक ने अपनी कला के माध्यम से न केवल हटिया और झारखंड को, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उनकी उपलब्धि आदिवासी-मूलवासी समाज के लिए एक मील का पत्थर है, जो यह दर्शाता है कि हमारी संस्कृति और कला का वैश्विक महत्व है। आज हटिया और पूरे झारखंड के निवासियों उनके इस उपलब्धि पर हर्ष और उल्लास व्यक्त करता है और श्री महावीर नायक को बधाई देता है ।
आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच ने भी इस उपलब्धि को झारखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्रचार के लिए एक प्रेरणा बताया है। मंच ने यह भी घोषणा की है कि वे श्री महावीर नायक के सम्मान में एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेंगे, जिसमें नागपुरी संस्कृति और भिनसरिया राग को बढ़ावा देने वाले अन्य कलाकारों को भी सम्मानित किया जाएगा। दिनांक-29/5/25 को बिरसा हवाई अड्डा मे 4-30 बजे वे दिल्ली से आयेगें तो उनका भव्य स्वागत ढोल,नगाड़ा, मांदर, भेइर के साथ गाजा बाजार से किया जाएगा ।इन्होने तमाम झारखंडी समाज खासकर घासी समाज के लोगो से अपील किया है कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या मे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचने का कार्य करे ।