समाज सेवा के साथ शिक्षा भी बहुत जरूरी : मो नियामुल हक !
संवाददाता/जामताड़ा
कुंडहित : प्रखंड अंतर्गत चुहादाहा निवासी समाजसेवी सह पारा शिक्षक मो नियामुल हक कहते हैं शिक्षा हमेशा सबके लिए जरूरी है कोरोना प्रकोप के कारण छोटे कम उम्र के छात्र छात्राओं के लिए अभी सरकार द्वारा कोई गाइडलाइन या आदेश जारी नहीं हुआ है बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं इसका मतलब कतई यह नहीं होना चाहिए कि बच्चे न पढे़ गांव ग्राम में रहने वाले सभी लोगों के पास एंड्राइड मोबाइल आ चुका है । छात्र ऑनलाइन गेम के शिकार हो रहे हैं पढ़ाई के प्रति सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पहले के मुकाबले में काफी कमी आई है समाजसेवियों से अनुरोध है कि शिक्षा के प्रति जागरूकता मुहिम चलाएं सरकार अपने स्तर से ढेर सारा कार्य कर रही है । बता दें मो नियामुल हक मूल रुप से कुंड़हित प्रखंड क्षेत्र के चूहादाहा गांव निवासी हैं समाज सेवा में बहुत दिलचस्पी रखते हैं वह कहते हैं उनका छोटा परिवार है पिताजी रिटायर्ड ऑफिसर हैं बड़े भाई सर्विस में हैं समाज सेवा करने के लिए मैंने पारा टीचर के रूप में स्कूल में योगदान दिया है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्र छात्राओं को बेहतर ढंग से तालीम दे सकूं समाज में दबे कुचले परेशान गरीब गुरबा की मदद कर सकूं । उन्होंने कहा मैं चाहता यहीं हूं कि समाज मे शिक्षा के प्रति जागरूकता आए बच्चे पढ़ लिख कर क्षेत्र एवं राज्य का नाम रोशन करे शिक्षा के बगैर समाज में बदलाव नहीं होने वाला है शिक्षा सबके लिए निहायत जरूरी है। गांव देहात में रहने वाले लोगों में यह बात मशहूर है कि पढ़ने लिखने से भी सरकारी नौकरी नहीं मिलती है क्या फायदा बच्चों को पढ़ाकर । लोगों को समझना चाहिए जितने भी अफसर नौकरी करते हैं वह पढ़ कर ही आए हैं । नौकरी करना जरूरी नहीं है बल्कि समाज को बदलना घर को बदलना सिस्टम को बदलना यह जरूरी है इसलिए पढ़ाई लिखाई के प्रति लगातार मेहनत एवं प्रयास मेरा जारी है स्कूल करने के बाद जो टाइम मिलता है वह समाज सेवा में बिताता हूं लोगों की जरूरत पूरी होने पर उनसे आशीर्वाद दुआ मिलती है उससे मन को बहुत संतुष्ट महसूस होता है !