फ़रवरी में प्रयागराज में ज्ञान महाकुंभ आयोजित करेगा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास
देश के चार क्षेत्रों में ज्ञान कुंभ आयोजित करने के बाद फ़रवरी में ज्ञान महाकुंभ का होगा आयोजन- अतुल कोठारी
राँची, झारखंड। जिस प्रकार प्राचीन भारत में ऋषि मुनि समस्याओं के समाधान हेतु नैमिषारण्य में एकत्रित होते थे, उसी प्रकार न्यास के इस ज्ञान महाकुंभ में शिक्षा के सभी घटक एक साथ एकत्रित होकर देश की शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु मंथन करेंगे। प्रयागराज में आयोजित होने वाले इस ज्ञान महाकुंभ से पूर्व देश के चार अलग अलग भागों में ज्ञान कुंभ आयोजित किए जाएँगे, जिसमें उत्तर क्षेत्र का हरिद्वार में, पश्चिम का कर्णावती में, पूर्व का नालंदा में, दक्षिण का पुडुचेरी में आयोजित किए जाएँगे। इस ज्ञान महाकुंभ से निश्चित ही देश की शिक्षा को एक नया विकल्प देने की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस ज्ञान कुंभ की महत्त्वता इससे ही समझी जा सकती है कि देशभर के सैकड़ों कार्यकर्ता 1 माह से लेकर 1 वर्ष तक का समय दान करेंगे। मुझे विश्वास है कि इस ज्ञान महाकुंभ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु किए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री सुरेश गुप्ता ने न्यास के नये दायित्वों की घोषणा करते हुए बताया कि केरल के ए विनोद अब न्यास के राष्ट्रीय संयोजक होंगे, महाकौशल प्रांत के अध्यक्ष डॉ अजय तिवारी आत्मनिर्भर भारत विषय के राष्ट्रीय संरक्षक होंगे, मध्यप्रदेश के श्री अशोक कड़ेल मध्यक्षेत्र के अध्यक्ष होंगे, साथ ही झाबुआ के ओम शर्मा मध्य क्षेत्र के संयोजक बनाये गये। श्री सुरेश ने बताया कि न्यास ने भारतीय ज्ञान परम्परा विषय पर कार्य आरम्भ किया है, जिसके राष्ट्रीय संरक्षक के रूप में दिल्ली के प्रो रमेश भारद्वाज कार्य देखेंगे।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय संयोजक ए विनोद ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 16-17 अगस्त 2024 को प्रचार-प्रसार की राष्ट्रीय बैठक दिल्ली में आयोजित की जाएगी, 13,14,15 सितंबर 2024 को चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का समग्र विकास के विद्यालय व महाविद्यालय स्तर की राष्ट्रीय कार्यशाला रायपुर में आयोजित की जाएगी, 21-22 सितंबर पर्यावरण विषय की राष्ट्रीय बैठक उदयपुर में आयोजित की जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि आगामी 18-19 अक्टूबर 2024 को राष्ट्रीय संचालन समिति की बैठक गुजरात के सोमनाथ में आयोजित की जाएगी। इस वर्ष देशभर के चार भागों में होने वाले ज्ञान कुंभ नवम्बर दिसम्बर माह में आयोजित किए जाएँगे, साथ ही प्रयागराज में होने वाले ज्ञान महाकुंभ की दिनांक 7,8,9 फ़रवरी 2025 रहेगी।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की इस राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला सह अभ्यास वर्ग के विषय में जानकारी देते हुए कार्यशाला संयोजक डॉ विजय सिंह ने बताया कि इस अभ्यास वर्ग में न्यास के विभिन्न प्रांतों के चयनित कार्यकर्ताओं को निमंत्रित किया गया था और वर्ग में उपस्थित रहने से पूर्व कार्यकर्ताओं को तैयारी की दृष्टि से कुल 6 कार्य दिये गये थे। कार्यकर्ता विकास के लिए आयोजित इस वर्ग में न्यास की कार्य पद्धति, कार्य शैली, प्रवास, पंचपरिवर्तन (कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य बोध, स्वदेशी व स्वबोध) समन्वय जैसे व्यवहारिक विषयों पर कार्यकर्ताओं का प्रबोधन किया गया साथ ही सभी के साथ चिंतन व चर्चा सत्र भी आयोजित किए गए। उन्होंने आगे बताया कि इस अभ्यास वर्ग में विशेष रूप से गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर के कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल, स्वामी
विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ अजय तिवारी, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश वर्मा, एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक गौतम सूत्रधार, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अंज़िला गुप्ता, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के कुलपति प्रो मुकेश वर्मा आई.ई.एस. विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. राजेश सिंह तोमर, बाबू दिनेश सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम. के. सिंह, वाईबीएन विश्वविद्यालय, राँची के कुलपति रामजी यादव, साईंनाथ विश्वविद्यालय, राँची के कुलपति प्रो. एसपी अग्रवाल, झारखंड प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डी. के. सिंह, अर्क जैन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अंगद तिवारी, आइसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. मुनीश गोविंद उपस्थित थे। इस कार्यशाला में देश भर से 400 प्रतिभागी शामिल हुए थे। जिसमें जमशेदपुर से तकनीकी शिक्षा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ रंजीत प्रसाद, पर्यावरण शिक्षा के प्रांत संयोजक डॉ कविता परमार और प्रतियोगी परीक्षा के प्रांत संयोजक श्रीमन त्रिगुण शामिल हुए। यह जानकारी देते हुए डॉ कविता परमार ने बताया कि इस कार्यशाला सह अभ्यास वर्ग के माध्यम से सभी कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्र में न्यास के काम को गति देंगे।