देवघर :रूस से आई दुल्हन सोनिया ने भारतीय रीति रिवाज से रचाई शादी
देवघर:इन दिनों लगन और शादी का मौसम चल रहा है और सभी मंदिरों में शादियां हो रही है लेकिन पिछले दिनों देवघर के बाबा मंदिर में एक अनोखी शादी देखने को मिली।
जिसमें दूल्हा भारतीय है और दुल्हन विदेशी।बाबा मंदिर में हुई यह अनोखी शादी पूरे देवघर जिले के साथ-साथ पूरे राज्य के लिए एक मिसाल बन गया है।
दरअसल देवघर जिले के सिंहजोड़ी गांव का रहने वाला राहुल राकेश रूस में नौकरी करता था और वहीं पर उसकी आंखें रशियन लड़की सेनिया से दो-चार हुई और दोनों की मुलाकात प्यार में बदल गई।
प्यार होने के बाद दोनों ने शादी का निर्णय लिया और दोनों परिवार के रजामंदी के बाद रसिया के कोर्ट में शादी कर ली। लेकिन रूस में शादी करने के बाद दोनों ने भारतीय रीति रिवाज से भी शादी करने की सोच ली थी।इसलिए जब दोनों देवघर पहुंचे तो यहां पर बाबा मंदिर में भारतीय रीति रिवाज के साथ शादी कर दोनों ने अपनी खुशी जाहिर की।
दुल्हा राहुल राकेश के जीजा जी अखिल आनंद बताते हैं कि इस शादी को लेकर परिवार में पहले थोड़ी आनाकानी हुई लेकिन जब यह पता चला कि दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से समझ चुके हैं और एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने के लिए तैयार है तो परिवार वालों ने तुरंत ही हामी भर दी।
रूस से आई दुलहन सेनिया ने भी भारतीय रीति रिवाज से शादी कर खुशी जाहिर की और उन्होंने कहा कि पहले सिर्फ किताबों में भारतीय संस्कृति और यहां के रीति-रिवाज के बारे में पढ़ा था लेकिन आज शादी के दौरान उन्होंने अनुभूति भी की और यह अहसास उन्हें काफी अच्छा लगा।
दुल्हन सेनिया के साथ उनकी एक दोस्त डैनी भी रूस से इस शादी में शामिल होने आई हुई थी और उन्होंने भी भारतीय संस्कृति के रीति रिवाज को देखकर खुशी जाहिर की। डैनी ने बताया कि भारतीय परिवार में शादी करने के बाद अभी उन्हें भाषा सीखने में दिक्कत हो रही है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि उनकी दोस्त सेनिया आने वाले समय में जल्द हिंदी सीख जाएगी और यहां की संस्कृति को भी समझ पाएगी।
पिछले दिनों हुए इस शादी को देखने के लिए सैकड़ो की संख्या में लोग मंदिर में पहुंचे हुए थे। शादी में पहुंचे लोगों ने कहा कि यह शादी निश्चित रूप से अनोखी है।क्योंकि यह सिर्फ दो परिवार को नहीं मिला रहा है बल्कि दो मुल्क के संस्कृति को एक दूसरे के साथ आदान-प्रदान कर रहा है।
इस शादी को देखने के बाद लोग यही कह रहे हैं कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती यदि इंसान एक दूसरे से प्यार करने लगे तो फिर मुल्क और सरहदें मायने नहीं रखती है।