स्टॉकहोम. स्वीडन के ओरेब्रो शहर में एक धुर दक्षिणपंथी समूह के कथित तौर पर कुरान को जलाने के इरादे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी शुक्रवार को पुलिस से भिड़ गए, जिसमें 9 पुलिस अधिकारी घायल हो गए. ओरब्रो पुलिस ने भी एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों के हमले में उसके 9 अधिकारी घायल हुए हैं. स्वीडन के प्रतिष्ठित दैनिक अखबार अफ्टोंब्लाडेट ने पुलिस प्रवक्ता डायना कुदैब के हवाले से बताया कि हिंसक प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की, जिसमें उन्हें काफी चोटें आईं. एक आम नागरिक भी सिर में पत्थर लगने से चोटिल हो गया.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, लगभग 200 लोग इस प्रदर्शन में शामिल थे, पुलिस ने जिसे शाम तक तितर-बितर करने सफलता पाई. यह दूसरा दिन था जब डेनिश मूल के स्वीडिश रासमस पलुदान के नेतृत्व में अप्रवासी और इस्लामी विरोधी स्ट्राम कुर्स (हार्ड लाइन) आंदोलन की रैली में संघर्ष हुआ. स्वीडन के पूर्वी तट पर लिंकोपिंग शहर में गुरुवार को दंगा भड़कने के बाद 3 पुलिस अधिकारियों को अस्पताल ले जाना पड़ा था. यहां एक प्रदर्शन के दौरान कुरान जलाने की योजना थी. इस विरोध प्रदर्शन में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
हिंसा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, स्वीडिश प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने कहा; ‘स्वीडन में, लोगों को अपनी राय व्यक्त करने की अनुमति है, चाहे वे अच्छे या बुरे स्वाद में हों. यह हमारे लोकतंत्र का हिस्सा है. आप जो भी सोचते हैं, आपको कभी भी हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए. हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे. यह ठीक उसी तरह की हिंसक प्रतिक्रिया है जो वह (रासमस पलुदान) देखना चाहता है. इसका उद्देश्य लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काना है.’
रासमस पलुदान हाल के वर्षों में नियमित रूप से घटनाओं के केंद्र में रहे हैं. नवंबर 2020 में, उन्हें फ्रांस में गिरफ्तार किया गया और निर्वासित कर दिया गया. इसके तुरंत बाद बेल्जियम में 5 अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, जिन पर ब्रसेल्स में कुरान को जलाकर ‘घृणा फैलाने’ का आरोप लगाया गया था. रासमस पलुदान एक डेनिश मूल के स्वीडिश राजनीतिज्ञ और वकील हैं. वह धुर दक्षिणपंथी राजनीतिक दल ‘हार्ड लाइन’ के नेता हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 2017 में की थी.