सिंगापुर: दुनियाभर में कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति और लॉकडाउन के चलते कच्चे तेल की मांग में भारी गिरावट आई है. इसकी वजह से सोमवार कच्चे तेल की कीमत जीरो डॉलर प्रति बैरल के नीचे चली गई. इतिहास में यह पहली बार है जब कच्चे तेल का भाव जीरो डॉलर के नीचे गया है. हालांकि मंगलवार को अमेरिकी तेल की कीमतों में उछाल आया है और यह 0.56 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करता नजर आया है.अमेरिका में मई डिलीवरी वाले वेस्ट टेक्सास क्रूट इंटरमीडिएट की कीमत -37.63 डॉलर पर बंद हुई थी. मई का डब्ल्यूटीआई कॉन्ट्रैक्ट मंगलवार को समाप्त हो रहा है और जून डिलीवरी वाले कॉन्ट्रैक्ट का कारोबार काफी सक्रिय तौर पर किया जा रहा है. जून डिलीवरी वाले डब्ल्यूटीआई फ्यूचर्स की कीमत 21 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रही थी.कोरोना वायरस के कारण आर्थिक गतिविधियां थमने के कारण अमेरिकी एनर्जी कंपनियों के पास कच्चे तेल के भंडारण के लिए जगह ही नहीं बची है. अब जब क्रूड ऑयल रखने की जगह ही नहीं है तो कोई भी कू्रड कॉन्ट्रैक्ट की डिलीवरी नहीं लेना चाहता.सोमवार को वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट का भाव 80 प्रतिशत लुढ़क गया. साल 2020 के शुरुआत में यह भाव 60 डॉलर प्रति बैरल था. एक समय तो यह 2 डॉलर प्रति बैरल से भी कम हो गया. जानकारों का कहना है कि डब्ल्यूटीआई के भाव में यह गिरावट ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट डेडलाइन की वजह से आया है. ऑयल ट्रेडर्स के पास मंगलवार तक समय है कि वो अपने मौजूदा फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को बेचें. वहीं, अन्य तरह के क्रूड ऑयल के दाम सप्लाई में भारी गिरावट की वजह से आ रहा है.