मुंबई. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और प्रवासी मजदूरों के मुद्दे के बीच राजनैतिक उथल-पुथल भी तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि मातोश्री से लेकर राजभवन तक बैठकों का दौर जारी है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार और भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण राणे की राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात के बाद सियासी सरगर्मी और बढ़ गई है.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार जहां राज्यपाल से मिले, वहीं मातोश्री में भी उद्धव ठाकरे के साथ करीब डेढ़ घंटे तक मंत्रणा करते रहे. गौरतलब है कि राज्य में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने राज्यपाल से मुलाकात कर सेना बुलाने की मांग की है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि भाजपा से सत्ता से बाहर होना बर्दाश्त नहीं हो रहा है. तो शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि सरकार मजबूत है और चिंता की कोई बात नहीं है.
भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा कि सरकार कुछ नहीं कर सकती. लोगों की जान नहीं बचा सकती है, सरकार विफल हो रही है. इस सरकार में कोरोना से सामना करने की क्षमता नहीं हैं. इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.
उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद सेना बुलाने की भी बात कही है. राणे ने कहा कि हमने राज्यपाल जी से अनुरोध किया है कि लोगों की जान बचाने, उनको सही इलाज देने के लिए महानगर पालिका और राज्य सरकार के अस्पतालों को सेना के हवाले कर दिया जाए. राणे ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे अनुभवहीन मुख्यमंत्री हैं जो पुलिस और प्रशासन को नहीं चला सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अस्पतालों की हालत खराब है.
दूसरी तरफ शिवसेना सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भाजपा के आरोपों को लेकर कहा कि सरकार मजबूत है और चिंता की कोई बात नहीं है. उन्होंने लिखा कि माननीय शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल शाम मातोश्री में मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई. अगर कोई सरकार की स्थिरता के बारे में खबरें फैला रहा है, तो इसे पेट का दर्द माना जाना चाहिए. सरकार मजबूत है और कोई चिंता नहीं है, जय महाराष्ट्र. वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने आज सुबह एक बयान जारी कर कहा कि उद्धव सरकार के ऊपर कोई खतरा नहीं है. कांग्रेस की मदद से सरकार स्थिर है.