मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों हुआ एमजीएम मेडिकल कालेज परिसर में ओपीडी का शुभारंभ
जमशेदपुर पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन की सुरक्षा में सेंध, ख़ुफ़िया तंत्र विफल
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर :डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज परिसर में नवनिर्मित अस्पताल 31 दिसंबर तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। यानी नए साल से यहां पर मरीजों को ओपीडी के साथ-साथ इनडोर की भी सुविधा शुरू हो जाएगी। इसका लाभ कोल्हान की आबादी करीब 50 लाख से अधिक लोगों को मिल सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निर्देश के बाद एमजीएम कालेज में बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाओं को कर दिया गया है
31 दिसंबर तक सभी कार्य को पूरा कर लेना है। आज नए अस्पताल के ओपीडी का शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया । 386 करोड़ की लागत से 751 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण किया गाय है। वहीं, 100 बेड का सीसीयू का भी निर्माण होना है। यानि कुल बेडों की संख्या 851 हो जाएगी। इसमें 131 बेड आइसीयू, 620 बेड जनरल और 100 बेड का सीसीयू शामिल होगा।
*कैथ लैब का भी चल रहा निर्माण कार्य*
एमजीएम कालेज परिसर में कैथ लैब का भी निर्माण कार्य चल रहा है। यानी आने वाले समय में यहां हार्ट मरीजों का भी इलाज हो सकेगा। अभी तक सरकारी अस्पताल में हृदय रोगियों के इलाज की सुविधा नहीं है। ऐसे में मरीजों को निजी अस्पताल या फिर रांची रिम्स जाना पड़ता है। इस दौरान कई मरीजों को इलाज के अभाव में मौत भी हो जाती है
आज इस अस्पताल का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रामदास सोरेन बन्ना गुप्ता सविता महतो संजीव सरदार और समीर मोहंती उपस्थित थे
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जमशेदपुर पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन की सुरक्षा में सेंध, ख़ुफ़िया तंत्र विफल
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में बने नए अस्पताल का उद्घाटन पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जूनियर डॉक्टरों ने रोका काफिला
जमकर की नारेबाजी बीच सड़क पर मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
जमशेदपुर पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन की सुरक्षा में शनिवार को बड़ी चूक देखने को मिली. दरअसल शनिवार को मुख्यमंत्री यहां एमजीएम मेडिकल कॉलेज में बने नए अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे. मगर उन्हें क्या मालूम यहां के जूनियर डॉक्टर ही उनके विरोध में खड़े हैं. जैसे ही मुख्यमंत्री का काफिला पहुंचा इससे पहले बीच रास्ते में ही कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने सीएम का काफिला रोक दिया. जिसके बाद प्रशासनिक महमे में हड़कंप मच गया. वहीं खुफिया विभाग की निष्क्रियता भी सामने आई. हालंकि मुख्यमंत्री ने विरोध कर रहे छात्र- छात्राओं को बुलवाकर उनकी बातों को सुना और उनसे ज्ञापन लेकर समाधान का आश्वासन दिया जिसके बाद विरोध कर रहे मेडिकल के छात्र-छात्राओं ने सीएम के काफिले को जाने दिया. अहम सवाल यह है कि आखिर डॉक्टरों के विरोध की जानकारी खुफिया विभाग को क्यों नहीं थी ? सीएम की सुरक्षा को लेकर जमशेदपुर पुलिस की तैयारी कैसी थी ? क्या यह परी प्लांट था या एक इंसीडेंट ! इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक बन्ना गुप्ता, मंत्री रामदास सोरेन कई विधायक और तमाम अलाधिकारी मौजूद थे. इधर मुख्यमंत्री के काफिले को रोकने वाले छात्रों का कहना था कि उनके रहने लायक माहौल नहीं दिया जा रहा है. यहां छात्रावास की घटिया व्यवस्था है. और क्या कहा छात्रों ने आप भी देखें