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    Home » चतरा पुलिस पर उठ रही हैं सवालिया निशान, गिद्धौर पुलिस आखिर क्यों है अभियुक्तों पर इतना मेहरबान ?
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    चतरा पुलिस पर उठ रही हैं सवालिया निशान, गिद्धौर पुलिस आखिर क्यों है अभियुक्तों पर इतना मेहरबान ?

    Devanand SinghBy Devanand SinghFebruary 23, 2021No Comments6 Mins Read
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    आज भी छुट्टा घूम रहे हैं मीनाक्षी के हत्यारे

    चतरा पुलिस पर उठ रही हैं सवालिया निशान, गिद्धौर पुलिस आखिर क्यों है अभियुक्तों पर इतना मेहरबान ?

    नवीन कुमार पाण्डेय

    चतरा :- मीनाक्षी देवी हत्याकांड को हुए आज दो सप्ताह बीत चुके हैं फिर भी इस मामले में नौ अभियुक्तों में से एक अभियुक्त को भी चतरा पुलिस गिरफ्तार करने में अबतक नाकाम रही है ।एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री बेटी बचाओ, और बेटी पढ़ाओ का नारा देने में लगे हैं तो वही चतरा पुलिस प्रधानमंत्री के इस मुहिम को तार-तार करने में जुटी हुई है। चतरा के युवा और जुझारू पुलिस कप्तान के रूप में शुमार ऋषभ कुमार झा के द्वारा इस मामले में एसआईटी का गठन भी किया गया है परंतु चतरा पुलिस की मेहरबानी तो देखिए कि आज भी इस मामले के नामजद अभियुक्त खुलेआम सीना ठोककर घूम रहे हैं तथा इस घटना का मास्टरमाइंड तथा मुख्य आरोपी मीनाक्षी के कातिल पति आकाश भारद्वाज की गिरफ्तारी आज भी चतरा पुलिस के लिए एक चुनौती बनकर रह गया है। पुलिस के इस शिथिल कार्रवाई के विरुद्ध अब आसानी के ग्रामीण गोलबंद होने लगे हैं तथा काफी आक्रोशित है ।ग्रामीणों का साफ आरोप है कि अभियुक्तों से रिश्वत लेकर पुलिस विभाग के अधिकारी उन्हें बचाने में लगे हुए हैं ।इस मामले में आसानी गांव निवासी रमाकांत पाठक का कहना है कि यदि पुलिस द्वारा जल्द ही अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो वे पुलिस विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे तथा पुलिस कप्तान से मिलकर न सिर्फ ज्ञापन सौंपेंगे बल्कि इस गांव के सभी ग्रामीण महिला -पुरुष आरक्षी अधीक्षक के कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना पर भी बैठेंगे ।वही इसी गांव की अरुणा पाठक इस मामले को लेकर काफी आक्रोशित है। इनका कहना है कि मीनाक्षी हत्याकांड समाज के लिए एक काफी शर्मनाक घटना है तथा इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम होगा। यह हत्या तमाम नारी जाती के लिए एक प्रकार की चुनौती है।इस घटना के विरुद्ध आसानी गांव की महिलाये तथा लड़कियों के द्वारा मृतिका को इंसाफ दिलाने तथा अभियुक्तों को गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले दिनों आसानी गाँव मे कैंडल मार्च भी निकाला गया था, बावजूद इसके पुलिस प्रशासन अबतक इस मामले में कोई भी कदम नहीं उठा रही है तथा कुंभकरण की नींद में सोई है। हालात यदि ऐसा ही रहा तो बाध्य होकर यहां की महिलाएं चतरा पुलिस कप्तान का घेराव करेगी तथा इंसाफ की मांग करेगी। इनका स्पष्ट कहना है कि इस मामले में चतरा पुलिस की भूमिका काफी संदेहास्पद है तथा अभियुक्तों से एक मोटी राशि लेकर पुलिस विभाग उसे संरक्षण देने में जुटी हुई है।
    सिमरिया प्रखंड के कटिया गांव निवासी मृतिका मीनाक्षी के पिता विनय पाण्डेय अपनी पुत्री की निर्मम हत्या कि घटना से बिल्कुल टूट चुके हैं ।इनका कहना है कि तीन वर्ष पूर्व वे अपनी पुत्री का विवाह आसानी गांव निवासी जगदीश भारद्वाज के पुत्र आकाश भारद्वाज से किया था ।इस दौरान वे अपनी क्षमता से बढ़कर उन्हें दहेज भी दिया था ।बावजूद इसके लड़की के ससुराल वालों के द्वारा दहेज को लेकर हमेशा मेरी पुत्री को प्रताड़ित किया जाता था। इस मामले को लेकर उनकी पुत्री द्वारा चतरा सदर थाने में दहेज उत्पीड़न का मामला भी दर्ज कराया गया था परन्तु सदर थाना पुलिस इस मामले में अभियुक्त को गिरफ्तार करने के बजाए मामले को टालटी रही जिसके परिणाम स्वरूप आरोपियों का मनोबल इतना बढ़ गया और आखिरकार वे मेरी बच्ची की निर्मम हत्या कर दिया । इनका यह भी आरोप है कि पिछले 10 फरवरी को मेरी पुत्री को बेरहमी से हत्या गर्दन काटकर किया गया था। इसकी प्राथमिकी गिद्धौर थाने में दर्ज है ।इस मामले में एसआईटी का गठन भी हुआ है जो कि एक छलावा साबित हो रहा है और यह एक मजाक बनकर रह गया है ।क्योंकि पुलिस के नाक के नीचे जब अभियुक्त खुलेआम घूम रहे हैं तो आखिर नामजद अभियुक्तों को क्यों नहीं गिरफ्तार किया जा रहा है?

     

     

    एक तरफ जहां मीनाक्षी दहेज की बलिवेदी पर निर्मम हत्या की भेंट चढ जाती है तो वहीं दूसरी ओर इस मामले में अभीतक किसी भी महिला संगठन तथा स्वयं सहायता समूह ने आगे बढ़कर इस मामले को उठाने का काम आजतक नहीं किया है। महिलाओं को हक और अधिकार दिलाने की बड़ी-बड़ी बात करने वाली किसी भी राजनीतिक पार्टी की महिला संगठनों ने भी इस मामले में अभीतक अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई है। ग्रामीणों का आरोप है कि मीनाक्षी की रहस्यमय तरीके से निर्मम हत्या करके गिद्धौर थाना क्षेत्र के जंगल में उसे फेंक दिया गया था जबकि मामले की पड़ताल करने आसानी गाँव पहुंची गिद्धौर पुलिस आकाश भारद्वाज के परिजनों से मिलकर चाय और नाश्ता करके वापस लौट गई थी तथा अभियुक्तों को फरार होने का मौका दे देती है। सवाल तो यह भी है कि आखिर गिद्धौर पुलिस अभियुक्तों पर इतना मेहरबान क्यों है?
    बहरहाल मामला चाहे जो भी रहा हो परंतु इतना तो तय है कि मीनाक्षी देवी हत्याकांड में चतरा पुलिस की भूमिका काफी संदेहास्पद दिख रही है। एक तरफ जहां सदर थाना पुलिस दहेज उत्पीड़न के मामले में गंभीर नहीं रही जिसका दुष्परिणाम हत्या के रूप में दिखाई दिया ।यदि चतरा पुलिस इस मामले में त्वरित कार्रवाई करती तथा अभियुक्तों को सजा दे देती तो शायद इस घटना को होने से रोका जा सकता था ।वहीं दूसरी ओर इस घटना के बाद मौके पर पहुंची गिद्धौर पुलिस अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के बजाय उनसे सिर्फ पूछताछ करके वापस लौट जाती है, इस मामले को आप अब क्या कहेंगे? आसानी गाँव के ग्रामीणों का आक्रोश चतरा पुलिस पर फूटने ही वाला है। हालात यदि यही रहा तो आने वाला समय में मीनाक्षी जैसी अनगिनत बेटियों को यूं ही दहेज की बलिवेदी पर न्योछावर होना भी पड़ सकता है। इस बाबत पिछले दिनों ब्राह्मण समाज के चतरा में हुए बैठक में सर्वसम्मति से कातिल भारद्वाज परिवार को समाज से बहिष्कृत करने का निर्णय भी लिया गया था। चाहे जो भी हो परन्तु इतना तो स्पस्ट है कि इस पूरे मामले में गिद्धौर थाने की भूमिका को लेकर कई सवाल खड़े जो जाते है । क्या सचमुच पुलिस विभाग के अधिकारी पैसे लेकर अभियुक्तों को बचाने में लगी है या फिर ये दिलचस्पी ही नही ले रहे है ? दूसरा सवाल यह भी है कि आखिर उन अभियुक्तों को संरक्षण देने का काम कौन कर रहा है ,जिसके दबाबों में आकर पुलिस किसी को गिरफ्तार करने से गुरेज कर रही है । अब आगे देखना यह है कि चतरा पुलिस इस मामले में कितना गंभीर दिखती है तथा पुलिस कप्तान इस घटना का पर्दाफाश करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में कहांतक सक्षम हो पाते हैं ?इस मामले में मीनाक्षी को इंसाफ मिल भी पाता है या नहीं देखना दिलचस्प होगा?

     

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