चांडिल डैम में बोट हाउस निर्माण का, मत्स्यजीवी समिति ने किया विरोध
राष्ट्र संवाद संवाददाता
चांडिल चांडिल डैम में करीब 15 लाख रुपये की लागत से प्रस्तावित बोट हाउस निर्माण को लेकर शुक्रवार को उस वक्त विवाद खड़ा हो गया, जब स्थल चयन के लिए पहुंचे अंचल अधिकारी अमित श्रीवास्तव को चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी सहकारी समिति के पदाधिकारियों का विरोध का सामना करना पड़ा।
अंचल अधिकारी नौका विहार स्थल पर बोट हाउस निर्माण के लिए उपयुक्त स्थान का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी सहकारी समिति के अध्यक्ष नारायण गोप और सचिव श्यामल गोप ने निर्माण स्थल पर विरोध जताते हुए कहा कि विभाग ने विस्थापितों के अधिकारों की अनदेखी की है।
*ब्लैकलिस्ट के बावजूद हुआ संचालन*
बताया गया कि सुवर्णरेखा परियोजना से विस्थापित कुल 18 समितियों में से एक चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी सहकारी समिति को 2006 में बंदोबस्ती के तहत नौका संचालन का अधिकार मिला था। लेकिन 2022 में 1 करोड़ 65 लाख 671 रुपये की बकाया राजस्व राशि जमा नहीं करने के कारण समिति को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। इसके बावजूद विभागीय लापरवाही के कारण समिति ने बिना स्वीकृति के 2024-25 तक नौका संचालन जारी रखा और लाखों रुपये का राजस्व नुकसान पहुंचाया।
*नई समिति को मिला संचालन का अधिकार*
पर्यटन विभाग द्वारा अब चांडिल डैम में नौका संचालन का अधिकार गिरिडीह के एक्वा एडवेंचर के प्रोपराइटर गुरुप्रीत सिंह को दिया गया है। उन्होंने चांडिल सुवर्णरेखा बांध विस्थापित सहकारी समिति और चांडिल जलाशय परिचालन समिति के साथ एग्रीमेंट किया है। नई समिति के अध्यक्ष सरदीप नायक और सचिव गाजू राम मांझी हैं
चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी सहकारी समिति ने विरोध जताते हुए कहा है पर्यटन विभाग ने बाहरी संस्था को संचालन सौंप दिया है, जिससे विस्थापितों के हक को नजरअंदाज किया गया है। उनका विरोध जारी रहेगा .