उत्थान सी.बी.ओ की तरफ से और वजूद के सहयोग से थर्ड जेंडर का विकल्प आया
उत्थान सी.बी.ओ की तरफ से और वजूद के सहयोग से Zoom के माध्यम से मिटिंग रखी गई जिसमे एच आर एल एन के सोनल तिवारी के द्वारा बोला गया कि शुरुआत में राशन कार्ड में ट्रांसजेंडर का ऑप्शन नहीं दिया गया था, लेकिन धीरे धीरे लड़ाई लड़ने के बाद एवं बार बार सरकार को पत्रचार करने पर एवं पिटीशन फाइल करने पर थर्ड जेंडर का विकल्प आया। हम हमेशा फ्रंटलाइन वर्कर्स के बारे में बात करते हैं तो क्या ट्रांसजेंडर कम्युनिटी/ थर्ड जेंडर कम्युनिटी भी फ्रंटलाइन वर्कर्स में नहीं आती है, क्योंकि कोरोना महामारी से इस समुदाय की हालात पहले से भी दयनीय हो गई है क्योंकि इनके आय का स्रोत सिर्फ बधाई या फिर चौक चौराहों पर मांग कर अपना जीविकोपार्जन करना हैं ,इसलिए इसलिए ट्रांसजेंडर को भी फ्रंट लाइन घोषित करना चाहिए ।ममता मैडम एवं सोनल तिवारी के द्वारा बताया गया कि अगर किसी ट्रांसजेंडर के पास आईडेंटिटी डॉक्यूमेंट नहीं है तो वे मेडिकल बोर्ड में अपनी उम्र को प्रमाणित करने के साथ-साथ एक एफिडेविट जमा कर इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कोई भी शेल्टर होम नहीं है एवं वेलफेयर बोर्ड का भी गठन नहीं किया गया है, इसलिए हाईकोर्ट में पिटीशन डालकर मांग रखना है की दूसरे शहरों जैसे गुवाहाटी, पुणे ने ट्रांसजेंडर के वैक्सीनेशन के लिए पहल की है जैसे कि मोबाइल बैन एवं शेल्टर होम में उनका वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया गया है, इसी तर्ज पर हमारी सरकार को भी कार्य करने की जरूरत है पत्रकार अन्नी अमृता के द्वारा कहा गया कि census 2011के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो उसमें और थर्ड जेंडर के आईडेंटिटी प्रूफ में काफी अंतर है,इसलिए फिलहाल आईडेंटिटी प्रूफ के कारण वैक्सीनेशन नहीं रुकना चाहिए ।उनके द्वारा कहा गया कि हम पत्रकारों को भी वैक्सीनेशन के लिए लड़ाई लड़नी पड़ी, उसी प्रकार इस समुदाय को भी अपने हक के लिए आगे आना पड़ेगा एवं सभी को एकजुट होकर इसकी पहल करनी होगी।डॉक्टर नागमणि बेहरा एवं ART के स्मृति के द्वारा वैक्सीनेशन से जुड़ी अवधारणाएं के बारे में चर्चा किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि कोई भी यदि क्रॉनिक बीमारी से ग्रसित है, तभी वैक्सीनेशन नहीं लेना चाहिए अन्यथा सभी को वैक्सीनेशन लेना चाहिए ।अगर कोई एच आई वी पॉजिटिव है और क्रॉनिक डिजीज से ग्रसित नहीं है तो वह भी वैक्सीनेशन करवा सकता है ।उन्होंने बताया कि हमेशा तथ्यों पर विश्वास करे एवं लोगों के मन में वैक्सीनेशन के प्रति जो अवधारणाएं हैं उसको दूर करने की जरूरत है । बार-बार यह कहा गया की वैक्सीनेशन सभी के लिए है ,सिर्फ और सिर्फ जो गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं उन्हें अभी टीकाकरण नहीं कराना चाहिए। हमे एक दूसरे को जागरूक करने की जरूरत है कि vaccination के कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है क्योंकि कोई भी वैक्सीन की approval के लिए काफी सारे प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है,अतः कोई भी भ्रम न फैलाए। सभी के शारीरिक सरंचना में अंतर है ,इसलिए vaccination का प्रभाव सब पर एक जैसा रहे यह जरूरी नहीं।भारतीय जनता पार्टी के स्टेट स्पोक्सपर्सन कुणाल सारंगी जी के द्वारा कहा गया कि वे सदैव से थर्ड जेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए अग्रसर हैं एवं जब भी जरूरत पड़ेगी समुदाय की मदद करने में पीछे नहीं हटेंगे । उन्होंने कहा की जिला एवं राज्य स्तर पर इसकी पहल करनी होगी और इसमें उनका सहयोग निश्चित रूप से रहेगा।
HRLN के सहयोग से heatlh department, health minister एवं मुख्यमंत्री को पत्र देना है कि कैसे थर्ड जेंडर का vaccination सुनिश्चित किया जा सके जैसा कि पत्रकारों का किया गया। नीरज के द्वारा saraikela के थर्ड जेंडर का vaccination लिस्ट को भी संलग्न किया जाएगा,ताकि दूसरे शहरों के पहल को replicate किया जा सके। छत्तीसगढ पूर्व सिंहभूम खरसवांस गिरिडीह रांची के ट्रांसजेंडर मौजूद हुऐ