सतत विकास और आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का बजट
पिछले महीने फरवरी में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमृतकाल का पहला वित्तीय बजट (2023-24) पेश किया। इसको लेकर विपक्ष ने भले ही केन्द्र सरकार को निशाने पर लिया हो, लेकिन सत्ता पक्ष ने इसे समाज के हर वर्ग के दृष्टिकोण ने महत्वपूर्ण बताया। कुछ दिनों पर जमशेदपुर से लोकसभा सांसद बिधुत बरण महतो ने बिष्टुपुर में अपने कार्यालय में एक प्रेसवार्ता कर इस महत्वपूर्ण बजट को लेकर बहुत से तथ्यों पर अपना विचार रखा और उन्होंने महत्वपूर्ण बजट पेश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री सीता निर्मला रमण का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आम बजट 2023-24 में समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखा गया है।
खासकर, गांव, गरीबों, किसानों, महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों, दिव्यांगजनों, आर्थिक रूप से पिछड़े तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला है। यह बजट देश के जन-जन और हर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के प्रति समर्पित है। यह अमृतकाल का पहला बजट है, इसीलिए निश्चिततौर पर आगामी 25 वर्षों का आधार बजट है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती एवं स्थिरता प्रदान करेगा।
दीगार बात है कि हमारी आजादी के 75वें साल में दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक चमकता सितारा माना है। चालू वर्ष का हमारा आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत पर होने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, वर्ष -2027 तक भारत, जापान, जर्मनी जैसे देशों को पीछे छोड़ते हुए तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगी, इसीलिए भारत एक बार फिर विश्वगुरु बनेगा, इस बात पर बिल्कुल भी शंका नहीं की जा सकती है।
अगर, नौकरी पेशा लोगों के लिहाज से बजट पर नजर डालें तो भी यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। सांसद ने कहा कि यह महज वर्ष 2023-24 के डेवलपमेंट का एजेंडा नहीं है, बल्कि देश के लिए विकसित अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखने वाला ब्लू प्रिंट है, यह इसीलिए, क्योंकि इस बजट के माध्यम से मध्यम् वर्ग के नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि अब नौकरी पेशा लोगों को 7 लाख रुपये सालाना की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही, टैक्स स्लैब को भी घटा कर 5 तक सीमित कर दिया गया है। इसीलिए यह पूर्ण रूप से समावेशी विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना, अवसंरचना एवं निवेश, क्षमता को सामने लाने वाला, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र को मजबूत करने वाला बजट है। दूसरी तरफ, जिस तरह से बजट में महिला एवं वरिष्ठ नागरिकों के महत्व को भी समझा गया है, वह भी अपने-आप में बहुत ही महत्वपूर्ण है।
सांसद ने इससे संबंधित तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा महिला सम्मान विकास-पत्र जारी करने एवं महिलाओं को अब 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5 प्रतिशत ब्याज देने की सुविधा देने का ऐलान किया गया है, उससे महिलाओं को बहुत अधिक राहत मिलेगी, वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेविंग्स एकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट को भी 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए करने का निर्णय भी एक बहुत ही अच्छी पहल है। साथ ही, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की लिमिट को भी 15 लाख से बढ़ा कर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। ये योजनाएं महिला सशक्तिकरण और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
रेलवे देश की यातायात व्यवस्था की रीढ़ है, इसीलिए सरकार का फोकस रेलवे को भी मजबूत करने की तरफ विशेषतौर पर रहा है। इसी के मददेनजर रेलवे के लिए 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया गया है, जो कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय के 2013-14 के बजट से 9 गुना अधिक है। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट को बढ़ाकर 69 हजार करोड़ रुपए कर दिया गया है। पीएम आवास योजना में 66 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाती है कि सरकार गरीबों के लिए कितनी संवेदनशील है। उक्त योजना के तहत बड़े पैमाने पर झारखंड के गरीब परिवारों को आवास मिल सकेगा। वहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सरकार ने 80 करोड़ से भी अधिक लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराने की विशेष योजना 28 महीनों तक चलायी। इस बजट में सरकार ने 1 जनवरी 2023 से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सभी अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त राशन देने की योजना को अगले एक साल तक बढ़ाने की घोषणा की है, जि सपर 2 लाख करोड़ रूपए खर्च वहन किया जाएगा। आज दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुयी है, क्योंकि भारत जी-20 की अध्यक्षता संभाली है जिसकी बैठक झारखंड की राजधानी रांची में भी 2-3 मार्च 2023 को होनी है, जो हम सभी के लिए गौरव की बात है।
आदिवासी कल्याण पर भी मोदी सरकार ने पूरा फोकस किया है। सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन के तहत मोदी सरकार ने देश के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लाभ के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया है। मोदी सरकार द्वारा इस योजना के लिए कुल ₹15,000 करोड़ का बजटीय परिव्यय आवंटित किया गया है, जिसके तहत मोदी सरकार का लक्ष्य पीवीटीजी परिवारों और वस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण करना है। यह विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों के उत्थान में सहायक होगा जिनकी जरूरतों को मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 से लगातार पूरा किया जा रहा है। वहीं, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों को लेकर मोदी सरकार ने निर्णय लिया है कि पूरे देश में 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए कुल 38,800 शिक्षण और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी, जिसके तहत देश के लगभग 3.5 लाख आदिवासी छात्र इन एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में अध्ययन करेंगे। यह औपचारिक शिक्षा का लाभ प्राप्त करने में उन्हें सक्षम बनाकर देश में जनजातीय समुदायों के विकास और वृद्धि को गति प्रदान करेगा। मोदी सरकार ने देश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों को विशेष रूप से लाभान्वित करने के लिए देश में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के निर्माण पर विशेष जोर दिया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मोदी सरकार 11.7 करोड़ से अधिक घरेलू शौचालयों का निर्माण करने में सक्षम रही है। स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा केवल घरेलू शौचालय प्रदान करना ही नहीं अपितु देश के गांवों को अपने सूखे कचरे और गीले कचरे के प्रबंधन के लिए सक्षम बनाने में भी सफलता प्राप्त हुई है। उज्जवला योजना के तहत इस योजना ने 9.6 करोड़ से अधिक परिवारों को गैस कनेक्शन प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। वहीं, कोविड-19 टीकाकरण के तहत इस महामारी से लड़ने के लिए 220 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक प्रदान की गई है। अगर, प्रधानमंत्री जन-धन खातों की बात करें तो यह योजना विश्व की अब तक की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजनाओं में से एक है। मोदी सरकार ने जन-धन योजना के माध्यम से देश के कई नागरिकों को बैंकिंग प्रणाली तक पहुंचने में सक्षम बनाया है। इस योजना के द्वारा कुल लगभग 47.8 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं। ऐसी स्थिति में निश्चिततौर पर यह बजट सतत विकास और आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का बजट है, जिससे आने वाले दशकों में भारत की दुनिया में एक अलग पहचान बनेगी।