कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए सैकड़ों युवा, पूर्व सीएम समेत सांसद ने दिलाई सदस्यता
सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा नाई समाज : दिनेश
■ भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी, कार्यकर्ताओं के परिश्रम से संगठन राजनीति के शिखर तक पहुंचा: रघुवर दास
जमशेदपुर, रविवार। भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा, सिद्धांत एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकासोन्मुखी नीतियों से प्रभावित होकर जमशेदपुर महानगर ग्रामीण कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सरदार एवं प्रखंड अध्यक्ष बुद्धेश्वर सरदार के नेतृत्व में सैकड़ों काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। रविवार को एग्रिको में भाजपा जमशेदपुर महानगर के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद विद्युत वरण महतो, पोटका के पूर्व विधायक मेनका सरदार समेत महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने सभी युवा कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराया। इस दौरान शामिल हुए कार्यकर्ताओं को पार्टी का अंगवस्त्र भेंटकर विधिवत सदस्यता प्रदान की गई। भाजपा में शामिल होने पर कार्यकर्ता उत्साहित दिखे। सदस्यता समारोह को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि केंद्र समेत राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति जनता का विश्वास मजबूत हुआ है। विकास व मानव सेवा को संकल्पित भाजपा के नीतियों के प्रति लोगों में उत्साह का माहौल है। उन्होंने भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस कार्यकत्ताओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि पार्टी की ओर से उचित सम्मान दिया जाएगा।
आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शामिल हुए कार्यकर्ताओं को पार्टी की विचारधारा व सिद्धांत से अवगत कराते हुए कहा कि भाजपा का उदय सेवा की राजनीति के लिए हुआ है। सत्ता भाजपा की मंजिल नहीं है बल्कि मानव सेवा का माध्यम है। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार-जीत लगी रहती है। भाजपा कार्यकर्ता कभी हार से घबराता नहीं है। भाजपा ही एक ऐसा संघटन है जो विचारधारा को साथ लेकर चलती है। दो सांसद के साथ शुरू हुई भाजपा की राजनीतिक यात्रा को कार्यकर्ताओं ने राजनीति के शिखर पर पहुंचाया। उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार केवल जनता को गुमराह करने की राजनीति कर रही है। कोरोना से बचाव हेतु झारखंड सरकार की कोई तैयारी धरातल पर नहीं दिखी है, पर्याप्त समय मिलने के बाबजूद भी प्रखण्ड स्तर पर किसी भी प्रकार की जाँच संबंधी तैयारी नहीं होने के कारण प्रदेश में कोरोना बेकाबू हुआ। कहा कि भाजपा में प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री कार्यकर्ता बनते हैं लेकिन अन्य दलों की पार्टी खानदानी पार्टी है जहां केवल परिवार के लोग ही प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री बनने की काबिलियत रखते हैं। पोटका के पहले विधायक सनातन सरदार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जनसंघ काल से ही पोटका क्षेत्र राष्ट्रवादियों का गढ़ रहा है।
सांसद विद्युत वरण महतो ने शामिल हुए युवकों से कहा कि ग्रामीण इलाकों में पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करें। पार्टी की गतिविधियों में युवाओं को शामिल करने व मिलकर क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने का आह्वान क़िया। कहा कि जल, जंगल और जमीन की रक्षा की बात करने वाली झामुमो लॉक डाउन के दौरान जंगल को भी बचा नही पाई।
पूर्व विधायक मेनका सरदार ने कहा कि जनसंपर्क एवं जनसंवाद से पार्टी को पुनः स्थापित करेंगे। राज्य सरकार की कार्यशैली से जनता अवगत है। राज्य सरकार के पास विकास व जनहित के प्रति नियत और नीति का स्पष्ट आभाव दिख रहा है। मात्र 8 महीने में सरकार की कार्यशैली से जनता त्रस्त हो गयी है।
इस दौरान पूर्व महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार, महामंत्री अनिल मोदी, प्रेम झा समेत अन्य उपस्थित थे।
सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा नाई समाज : दिनेश
जमशेदपुर के सोनारी में अपनी सैलून में फंदे से झूलकर नाई द्वारा आत्महत्या करने के मामले में संवेदना व्यक्त करते हुए पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने इस आत्महत्या के पीछे राज्य सरकार की उपेक्षा और लापरवाह प्रवृत्ति को जिम्मेदार बताया है। दिनेश कुमार ने कहा कि भाजपा ने अनलॉक प्रारंभ होते ही नाई समाज की जरूरतों और मुश्किलों पर चिंता व्यक्त करते हुए झारखंड सरकार से इस दिशा में पहल सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। इस सापेक्ष्य में समय समय पर ज्ञापन और मीडिया में जारी बयान के मार्फ़त भी नाई समाज की पीड़ा और दिनों दिन कमज़ोर होते उनकी वित्तीय स्थिति को भी संज्ञान में लाया था। पाँच महीनों से नाई समाज के हज़ारों निज़ी सैलून संचालक, ब्यूटीपार्लर और हज़ामत बनाने वालों की रोजमर्रा बुरी तरह से प्रभावित हुई है। लगातार ध्यानाकर्षण के बावजूद भी नाई समाज सरकारी उपेक्षा और उदासीनता का दंश झेलने को मजबूर है। पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने मांग किया कि आत्महत्या करने वाले सैलून संचालक के परिजनों की चिंता करते हुए झारखंड सरकार न्यूनतम दस लाख रुपये की मुआवजा राशि प्रदान करें। वहीं राज्य सरकार अन्य सैलून संचालकों, पार्लरों के संचालन को लेकर अविलंब उचित मानदंड का निर्धारण कर रोज़गार प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान करें। कहा कि उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के तर्ज पर झारखंड सरकार सभी सैलून संचालकों को प्रतिमाह पांच हज़ार रुपये की प्रोत्साहन राशि भुगतान करना सुनिश्चित करे।