इंदरजीत सिंह से खुश है बड़े और छोटे बादल
हित प्रधान और इंद्रजीत महासचिव बने
नई ऊर्जा एवं ताकत के साथ पंत संगत की सेवा करूंगा : हित
जमशेदपुर। दक्षिण बिहार से निर्वाचित सरदार इंदरजीत सिंह ने अपनी कार्यशैली से सिखों के राजनीतिक दल शिरोमणि अकाली दल के मुखिया एवं बड़े बादल प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को प्रभावित करने में सफल रहे हैं।
यही कारण है कि शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के पूर्व प्रधान एवं तखत श्री हरमंदिर साहिब प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह हित को कहा गया कि वह इंदरजीत सिंह को नई जिम्मेदारी दें।
पिछले ढाई साल सरदार इंदरजीत सिंह पूरी ईमानदारी के साथ अवतार सिंह हित का साथ देते रहे और यह सब कुछ जानकारी बड़े बादल और छोटे बादल को मिलती रही।
वैसे भी सरदार इंदरजीत सिंह इंटरनेशनल साइकिलिस्ट रहे हैं और भारत का प्रतिनिधित्व एशियन एवं अंतर्राष्ट्रीय साइकिलिंग प्रतियोगिता में कर चुके हैं।
वहां उनके साथ भारतीय जनतंत्र मोर्चा के नेता एवं मानगो गुरुद्वारा कमेटी के कुलविंदर सिंह पन्नू, सरदार गुरुचरण सिंह बिल्ला शमशेर सिंह सोनी, बलबीर सिंह, त्रिलोचन सिंह, भाजपा के युवा नेता इंदरजीत सिंह, दमनप्रीत सिंह, हीरा सिंह, सुखदेव सिंह, पंथ के महान कविसर जसवीर सिंह अमृतसर वाले आदि थे।
इंदरजीत सिंह को महासचिव चुने जाने पर भाजपा नेता एवं झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार गुरिंदर सिंह सेठी, पूर्व भाजपा नेता अमरप्रीत सिंह काले, झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला, कार्यकारी अध्यक्ष शमशेर सिंह सोनी, टीन प्लेट गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव सुरजीत सिंह खुशीपुर, टेल्को गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार गुरमीत सिंह तोते, झारखंड सिख विकास मंच के गुरदीप सिंह पप्पू, रिफ्यूजी कॉलोनी गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान हरमिंदर सिंह मिंदी, गुरु रामदास सेवा दल के अध्यक्ष बलबीर सिंह गिल, सोनारी गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व प्रधान गुरदयाल सिंह, बरेली से गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जसपाल सिंह महासचिव सुखविंदर सिंह ने बधाई दी है।
नई ऊर्जा एवं ताकत के साथ पंत संगत की सेवा करूंगा : हित
जमशेदपुर। गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली प्रकाश श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी का अध्यक्ष पद दोबारा मिलने से उत्साहित सरदार अवतार सिंह हित ने कहा कि उनकी नई टीम अच्छी टीम है और वह नई ऊर्जा, ताकत और उत्साह के साथ पंथ एवं संगत की सेवा करेंगे और उनकी आशाओं को पूरा करने मैं कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
अवतार सिंह हित ने कहा कि पंथ श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400 वां प्रकाश बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मना रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भरपूर सहयोग का आश्वासन मिल चुका है और सरकार तथा स्थानीय लोगों के सहयोग से जनवरी के पहले सप्ताह में श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाश पर्व दशम पिता गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के साथ ही मनाया जाएगा।
उनके अनुसार झारखंड बिहार ही नहीं देश विदेश की सारी सिख संगत की नजर रविवार को तख्त में लगी हुई थी कि नई कमेटी किस प्रकार बनती है। गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की अपार बक्शीश हुई है और सब कुछ शांतिपूर्ण और सर्वसम्मति से हो गया है।
उनके अनुसार अब जनवरी से पहले नया मॉड्यूलर ऑटोमेटिक किचन तैयार करना है और संगत के लिए कमरों का निर्माण तेजी से जारी है। कोरोना के कारण बजट पास नहीं हो पाया था और नई कमेटी का पहला काम बजट पास कराना होगा।
पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि कोई वित्तीय अनियमितता हुई है तो उनकी जानकारी में लाए जाने पर उसकी सघन जांच कराई जाएगी और दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
हित प्रधान और इंद्रजीत महासचिव बने
सोही वरीय उपाध्यक्ष और लखविंदर कनीय उपाध्यक्ष बने
तखत श्री हरमंदिर जी पटना साहिब की नई कमेटी बनी
जमशेदपुर। गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तखत श्री हरमंदिर जी पटना साहिब की नई प्रबंधन कमेटी रविवार को बन गई है। एसडीओ के पर्यवेक्षण में कमेटी की हुई बैठक में सर्वसम्मति से फिर एक बार शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह हित को प्रधान चुन लिया गया।
इस नई कमेटी में उन्होंने पटना साहिब के जगजीत सिंह सोही और हरबंस सिंह खनूजा को नई जिम्मेदारी दी है वहीं इस नई टीम में उपाध्यक्ष डॉ गुरमीत सिंह लखनऊ एवं महासचिव महेंद्र सिंह ढिल्लन और सचिव महेंद्र सिंह छाबड़ा पटना को जगह नहीं दी है।
उनकी इस नई टीम में सरदार जगजीत सिंह सोही वरीय उपाध्यक्ष, कटिहार के लखविंदर सिंह कनीय उपाध्यक्ष, झारखंड टाटानगर के सरदार इंदरजीत सिंह महासचिव और पटना के हरबंस सिंह खनूजा सचिव बनाए गए हैं।
वैसे 2018 में कॉप्ट किए गए आसनसोल के हरपाल सिंह जोहल के निष्कासन को लेकर भी रविवार की बैठक में मिनट्स बुक खंगाले गए और संतुष्टि पाने के बाद एसडीओ ने उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं दिया। हालांकि महेंद्र पाल सिंह ढिल्लों की टीम पूरी तरह से जो हल्का निष्कासन रद्द कराने को लेकर जुगत लगाती रही और बाद में सरदार गोविंद सिंह लोंगोवाल को लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिश की परंतु वह भी बेकार साबित हुए।
कमेटी घोषित होने के बाद सभी गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के दरबार में गए और मत्था टेक आशीर्वाद लिया।