बांगुई. अफ्रीकी देश सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में सोने की खदान में खनन कर रही चीनी कंपनी के कर्मचारियों पर अज्ञात बंदूकधारियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई. इस गोलीबारी की इस घटना में दो अन्य घायल हो गए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसारी ये सभी नागरिक चिम्बोलो सोने की खदान में काम रहे थे, इस दौरान कुछ बंदूकधारियों ने खदान पर धावा बोल दिया. बंदूकधारियों ने सबसे पहले गार्ड को टारगेट किया और उसे बंधक बना लिया. इसके बाद उसने चीनी नागरिकों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. पीडि़तों के शव राजधानी बांगुई लाए गए.
जानकारी के अनुसार इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है. मगर विद्राहियों पर इस हमले का आरोप लगाया जा रहा है. चिम्बोलो में कोलिशन ऑफ पेट्रीअट फॉर चेंज (सीपीसी) काफी एक्टिव है और देश के सैनिकों पर अक्सर हमले करता रहता है. सीपीसी पूर्व राष्ट्रपति फ्रांकोइस बोजीजे से जुड़ा है. बंदूकधारियों ने चिम्बोलो सोने की खदान पर स्थानीय समय के अनुसार सुबह करीब 5 बजे हमला किया. कुछ दिन पहले खदान की शुरुआत हुई थी. बंबरी के मेयर एबेल मतिपाटा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सोने की खदान पर हमला सुबह करीब 5 बजे शुरू हुआ. इस दौरान बंदूकधारियों ने गार्ड को बंधक बना लिया और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.
बताया जा रहा है कि जिस साइट पर हमला हुआ, उससे पहले बंबरी करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित है. कुछ दिन पहले तीन चीनी नागरिकों को अपहरण कर लिया गया था. चीनी नागरिकों के अपहरण की यह घटना कैमरून की सीमा के पास देश के पश्चिमी हिस्से में हुई थी. कैमरून में तीन चीनी नागरिकों के अपहरण की घटना बाद इंवेस्टर को आश्वस्त करने के लिए राष्ट्रपति फॉस्टिन अर्चांगे तौदेरा ने चीन की यात्रा की थी.
गौरतलब है कि सोने और हीरे की खदान होने के बावजूद भी सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है. पिछले कुछ सालों में इस संकटग्रस्त देश में विद्रोहियों ने जमकर उत्पात मचाया है. विदेशी कंपनियों द्वारा खनन की खोज को विफल कर दिया है. वहीं अब इस देश में कई चीनी कंपनियां काम कर रही है लेकिन उन्हें सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. तीन साल पहले यानी 2020 में दो चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी. इससे पहले 2018 में तीन चीनी नागरिकों की हत्या कर दी गई थी.