नई दिल्ली: अयोध्या विवाद की सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई से ठीक पहले इस केस के मुख्य मुस्लिम पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड के जमीन पर अपना दावा छोड़ने की खबर ने बुधवार सुबह हलचल मचा दी. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मध्यस्थता पैनल के जरिए सुप्रीम कोर्ट में केस वापस लेने का हलफनामा दाखिल कर दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई शुरू होने पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के अपील वापस लेने के मामले में कोर्ट में कोई चर्चा नहीं हुई. इस बीच सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने भी इन अटकलों को सिरे से खारिज किया है. अब सारी नजरें सुप्रीम कोर्ट कीआखिरी सुनवाई पर टिकी हैं.मध्यस्थता की अटकलों पर अयोध्या केस के एक पक्षकार इकबाल अंसारी के वकील ने स्पष्ट कहा है कि न तो उनके मुवक्किल ने और न ही सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा छोड़ने पर विचार किया है. अंसारी ने कहा कि हम कमिटी के साथ हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर सुन्नी वक्फ बोर्ड मध्यस्थता के लिए सामने आता है तो वह भी इससे पीछे नहीं हटेंगे.’अंसारी ने कहा कि कोर्ट सबूतों के आधार पर फैसला करता है, इसलिए अटकलें लगाने से कुछ नहीं होगा. सभी पक्षों को कोर्ट के फैसला का ही इंतजार करना होगा. बता दें कि इकबाल अंसारी अयोध्या केस के एक प्रमुख पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के पुत्र हैं. हाशिम अंसारी का निधन हो चुका है.इकबाल अंसारी के वकील एमआर शमशाद ने कहा कि विवादित जमीन पर दावा छोड़ने की बात अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ऐसा बयान नहीं दिया है. उन्होंने यहां तक कहा कि अयोध्या केस में किसी प्रकार की मध्यस्थता का भी कोई सवाल नहीं है. अब जो होगा, कोर्ट में ही होगा.