नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने प्रीवेंशन ऑफ क्रूअलटी टू एनिमल एक्ट 1960 में संशोधन करने का फैसला लिया है. इसके लिए केंद्र सरकार ने मसौदे का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है. करीब 6 दशक पुराने कानून में 61 बदलाव करने की तैयारी है. इसके तहत अब अगर कोई व्यक्ति जानवरों पर अत्याचार या उनका शोषण करता है तो उसे 3 साल की जेल हो सकती है. वहीं अगर उसने जानवर की हत्या की तो उसे 5 साल तक की जेल हो सकती है.
प्रीवेंशन ऑफ क्रूअलटी टू एनिमल एक्ट, संशोधन बिल 2022 का मसौदा तैयार कर लिया गया है. इसे मिनिस्ट्री ऑफ फिशरीज, एनिमल हस्बैंड्री एंड डेयरिंग ने तैयार किया है. इसे सार्वजनिक कर दिया गया है. लोग इसके संबंध में अपनी सलाह 7 दिसंबर तक दे सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों का कहना है कि जैसे ही यह मसौदा पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तो इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. इस मसौदे के अनुसार अब कई कृत्य आपराधिक हो जाएंगे.
मसौदे में जानवरों पर की गई वीभत्सता को नई श्रेणी में रखा गया है. इसे भयानक क्रूरता नाम दिया गया है. इसका अर्थ बताया गया है कि अगर किसी जानवर पर किए गए अत्याचार या शोषण से उसे भयानक दर्द हो और इसके कारण वह हमेशा के लिए दिव्यांग हो जाए या फिर उसकी मौत हो जाए. इस मसौदे के प्रस्ताव में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति जानवर पर भयानक क्रूरता करता है तो ऐसे में उसे न्यूनतम 50 हजार रुपये या 75 हजार रुपये का जुर्माना या जो भी रकम मजिस्ट्रेट तय करेगा, वो रकम जुर्माने के तौर पर व्यक्ति को चुकानी होगी. इसके साथ ही उसे एक साल की जेल हो सकती है, जिसे 3 साल की जेल की सजा तक बढ़ाया जा सकता है.
इसके साथ ही अगर कोई जानवर की हत्या करता है तो उसे 5 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. इसके साथ ही उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. इस मसौदा प्रस्ताव में एक नया सेक्शन 3ए भी जोड़ा गया है. इसके तहत जानवरों को 5 स्वतंत्रता दी गई हैं. इसमें बताया गया है कि अगर कोई जानवर किसी व्यक्ति के पास है तो वह व्यक्ति जानवर की भूख-प्यास का पूरा ख्याल रखेगा. उसको बेहतर वातावरण में रखेगा. घायल या बीमार होने पर उसका इलाज कराएगा. दूसरे जानवरों की प्रति प्रेम रखेगा और जानवर को डराएगा नहीं.