हसाओ. असम के दीमा हसाओ जिले में कोयला खदान में फंसे श्रमिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. खदान में लापता होने के 44 दिन बाद इन खनिकों के शवों को वहां से बाहर निकला गया है. सरकार ने उनके परिजनों को 10-10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी है और खदान में फंसे लोगों के परिजनों को 6-6 लाख रुपए दिए गए.
अधिकारिक सूत्रों की माने तो बचाव अभियान के दौरान देर शाम तीन शव बरामद किए गए, जबकि दो शव दिन में पहले बरामद किए गए थे. इस बरामदगी के साथ 6 जनवरी को वहां फंसे सभी नौ खनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. उमरंगशू में खदान में पानी निकालने का काम एक महीने से अधिक समय से जारी था. बीती शाम खदान में जलस्तर काफी कम हो जाने से खनिकों के शव को निकालने का अभियान शुरू किया जा सका. शव बुरी तरह सड़ी गली अवस्था में बरामद किए गए जिन्हें गोताखोरों ने बाहर निकाला.
अधिकारियों ने बताया कि शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 6 जनवरी को खदान के अंदर पानी भर जाने से नौ मजदूर फंस गए थे, एक का शव दो दिन बाद बरामद किया गया. जबकि तीन अन्य के शव 11 जनवरी को मिले. जिन खनिकों के शव पहले बरामद किए गए थे, राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि खदान में फंसे सभी लोगों के परिवारों को कुल 10-10 लाख रुपए दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने पहले दावा किया था कि खदान 12 साल पहले बंद कर दी गई थी. तीन साल पहले तक असम खनिज विकास निगम के अधीन थी. राज्य सरकार ने घटना की न्यायिक जांच की भी घोषणा की है. जिसमें उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अनिमा हजारिका एक सदस्यीय समिति की अध्यक्षता करेंगी.