हज़ारीबाग के आनंद मार्गियों ने मनाया नीलकंठ दिवस
सोमवार १२ फ़रवरी को आनंद मार्ग प्रचारक संघ, हज़ारीबाग भुक्ति के द्वारा नीलकंठ दिवस मनाया गया। आनंदपुरी स्थित सेंट्रल जागृति में तीन घंटे का अष्टाक्षरी महामंत्र “बाबा नाम केवलम” का संकीर्तन किया गया और उसके बाद नारायण सेवा की गयी।
कीर्तन उपरांत गया डायोसीज सचिव आचार्य व्रजगोपालानंद अवधूत ने बताया कि यह दिवस आनंद मार्ग के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन आनंद मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी को तत्कालीन सरकार ने बाकीपुर सेंट्रल जेल, पटना में किसी साजिश के तहत जहर दिया था, जिसे उन्होंने नीलकंठ की तरह अपने शरीर में जज्ब कर लिया था। श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने प्रशासन के खिलाफ जांच की मांग की, पर प्रशासन ने उनकी मांग को अनदेखा कर दिया और इसके बाद उन्होंने 1 अप्रेल 1973 से 2 अगस्त 1978 तक उपवास रखा। जो कि संसार में एक अलग मिसाल है। उन्होंने इस दिन की बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर नीलकंठ दिवस के रूप में मनाने का संदेश दिया तथा यह बताए विष का जबाब अमृत से दोगे।
न ही सरकार ने विष प्रयोग की जांच करवायी और नहीं बाबा ने अपना उपवास तोडा ।
5 वर्ष 4 महीने 2 दिन तक उपवास जारी रहा। हत्या मामले से बरी हो बाबा 2 अगस्त 1978 को ससम्मान जेल से रिहा हो गए। 12 फ़रवरी को आनंदमार्गी पुरे विश्व् में नीलकंठ दिवस के रूप में मनाते हैं।
इस अवसर पर आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से दिनांक 12 फ़रवरी को विश्व भर में विभिन्न स्थानों पर नारायण सेवा एवं मिलित ईश्वर प्रणिधान का आयोजन किया जाता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में हज़ारीबाग भुक्ति के सभी मार्गियों का सराहनीय योगदान रहा।