जमशेदपुर में बंकर पर सभी कि नजर टिकी
राष्ट्र संवाद संवाददाता
भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद को लेकर जमशेदपुर में बंकर पर सभी कि नजर टिकी हुई है, द्वितीय विश्व युद्ध में जमशेदपुर में यह बंकर बनाया गया था, यह बंकर लगभग हजारों लोगों की जान बचाने में कारगर रहा था, जमशेदपुर का यह बंकर इन दिनों काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते विवाद में अगर स्थिति बदलती है तो यह बंकर शहर के हजारों लोगों की जान बचाने के लिए कारगर होगा,
द्वितीय विश्वयुद्ध की गवाही देता हरे पेड़ों से घिरा जमशेदपुर का लाल बंकर, ऐतिहासिक धरोहर के रूप में है सुरक्षित रखा गया है, जमशेदपुर में हरे पेड़ों से घिरा लाल बंकर है, जो द्वितीय विश्वयुद्ध का गवाह है, कंपनी ने इसे सील कर रखा है,ऐतिहासिक धरोहर के रूप में इसे सुरक्षित रखा गया है,
ब्रिटिश सरकार और शहर के प्रबुद्ध लोगों की सुरक्षा और सहयोग के लिए आइएसडब्ल्यूपी कंपनी के द्वारा बंकर का निर्माण कराया गया था. इसे अब भी सुरक्षित रखा गया है. यह बंकर इतना मजबूत बनाया गया है कि इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी इस बंकर की न तो एक ईंट टूटी है और न ही रंग हल्का हुआ है. वर्तमान में आइएसडब्ल्यूपी कंपनी ने इस बंकर को पूरी तरह से सील कर दिया है. अब इस बंकर में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है. बंकर सील करने के बाद कंपनी ने उस ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए चारों ओर से लोहे की ग्रिल लगा कर बंद कर दिया है