दीदी के शौर्य-साहस को ‘सलाम’ का वक्त
अजीत कुमार
जैसा देखने को मिला कि किसी भी चैनल पर नजर डालें, हर चैनल पर केवल और केवल ‘पश्चिम बंगाल’ को ही जबर्दस्त कवरेज मिलता नजर आया…, मानों बाकी चार राज्यों में हुए चुनाव और मिल रहे रुझान को तमाम चैनल वालों ने भी तवज्जो देना उचित नहीं समझा! मगर, इन सबके बीच एक बात जो गौर फरमाने लायक रही, वह यह रही कि भारतीय लोकतंत्र में दिलचस्पी रखने वाले देश के अंदर या देश के बाहर के लोगों की निगाहें, जिस सीट पर केंद्रित थी, वह थी पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम सीट। आखिर होता भी क्यों नहीं…?? केंद्र की सत्ता में पूरी मजबूती के साथ काबिज भाजपा(मोदी-शाह) की हर ताकत(कल-बल-छल) को चुनौती देने वाली ‘ममता दीदी’ जो खड़ी थीं। जहाँ से कभी अपने सिपहसालार रहे ‘शुभेंदु दादा’ को कड़ी टक्कर देते हुए पहले जीत दर्ज कीं, उनकी जीत की बाकायदा घोषणा भी हुई, जिसे तमाम चैनल वालों ने जनता के सामने पेश भी कर दिया, और फिर घंटा भी नहीं बीता, दीदी के पराजित होने की खबर चल पड़ी…, यह अब सवालों के घेरे में है।
सवाल यह उठता है कि नंदीग्राम जैसे संवेदनशील सीट पर यह खेल हुआ कैसे…?? चूक हुई, तो कहां हुई, और हुई तो किससे हुई, और किसके इशारे पर हुई..?? यह सवाल पूरी मजबूती के साथ भारतीय लोकतंत्र में दिलचस्पी रखने वाले हर लोगों की जुबां पर अपनी जगह बना ली है। क्योंकि, ऐसे संवेदनशील सीट पर, ऐसी चूक का हो जाना कोई साधारण बात नहीं है…, मगर सच तो यह है कि चूक तो हो गई..?? हालांकि, दीदी इस पर आगे की कार्यवाही पर आमादा नजर आतीं हैं, तो यह उनका सांविधानिक हक भी है, के लिए, मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं!
बेशक, नंदीग्राम सीट से दीदी की हार की खबर ने देश की एक बड़ी आबादी को थोड़ा मायूस जरूर किया, पर दीदी ने (मोदी-शाह) की हर ताकत को धत्ता बताते हुए जिस तरह से तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सत्ता को अपने नाम किया, के लिए ‘दीदी’ अभिनंदन की पात्र हैं। क्योंकि, जब दीदी की पार्टी के कई ‘क्षत्रप’ दीदी का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिए, वैसी स्थिति में दीदी ने न केवल पार्टी को एकजुट रखा, बल्कि पूरी मजबूती के साथ मोदी-शाह के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए पार्टी को प्रचंड बहुमत दिलाई। जबकि, ऐसी स्थिति में शायद कोई और महिला होती, तो वह हौसला खो घर बैठ जाती। पर, दीदी ने….!! ऐसे में, यह कहना गलत नहीं होगा कि- तत्काल बेशक, ‘दीदी’ अपना सीट खोई हुईं हैं, फिर भी दीदी विजेता हैं।
लिहाजा, इस तल के माध्यम से, दीदी को ‘पश्चिम बंगाल’ की जीत पर ढेर सारी बधाईयां! साथ ही, दीदी के शुभचिंतकों की एक बड़ी आबादी को भी ढेर सारी बधाईयां!