***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनांक:- 05/03/2025, बुधवार षष्ठी, शुक्ल पक्ष, फाल्गुन “”””””””(समाप्ति काल
तिथि————–षष्ठी 12:50:50 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———-कृत्तिका 25:07:22
योग———– वैधृति 23:06:02
करण———– तैतुल 12:50:49
करण————- गर 23:47:17
वार———————- बुधवार
माह——————- फाल्गुन
चन्द्र राशि———— मेष 08:12:02
चन्द्र राशि—————- वृषभ
सूर्य राशि—————– कुम्भ
रितु———————— वसंत
आयन—————– उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत—————- 1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 06:40:43
सूर्यास्त————– 18:20:53
दिन काल———— 11:40:10
रात्री काल———— 12:18:46
चंद्रोदय————– 10:01:16
चंद्रास्त—————- 24:25:23
लग्न—- कुम्भ 20°30′ , 320°30′
सूर्य नक्षत्र———- पूर्वा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र—————- कृत्तिका
नक्षत्र पाया—————— लोहा
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
अ—- कृत्तिका 08:12:02
ई—- कृत्तिका 13:48:54
उ—- कृत्तिका 19:27:20
ए—- कृत्तिका 25:07:22
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कुम्भ 20°40, पू oभाo 1 से
चन्द्र= मेष 29°30 , कृतिका 1 अ
बुध =मीन 08°52 ‘ उ o भा o 2 थ
शु क्र= मीन 16°05, उ o फाo’ 4 ञ
मंगल=मिथुन 23°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 1 के
गुरु=वृषभ 18°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 26°28 ‘ पू o भा o , 2 सो
राहू=(व) मीन 04°00 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 04°00 उ oफा o 3 पा
🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮
राहू काल 12:31 – 13:58 अशुभ
यम घंटा 08:08 – 09:36 अशुभ
गुली काल 11:03 – 12: 31अशुभ
अभिजित 12:07 – 12:54 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:07 – 12:54 अशुभ
वर्ज्यम 13:49 – 15:19 अशुभ
प्रदोष 18:21 – 20:51 शुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 06:41 – 08:08 शुभ
अमृत 08:08 – 09:36 शुभ
काल 09:36 – 11:03 अशुभ
शुभ 11:03 – 12:31 शुभ
रोग 12:31 – 13:58 अशुभ
उद्वेग 13:58 – 15:26 अशुभ
चर 15:26 – 16:53 शुभ
लाभ 16:53 – 18:21 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 18:21 – 19:53 अशुभ
शुभ 19:53 – 21:26 शुभ
अमृत 21:26 – 22:58 शुभ
चर 22:58 – 24:30* शुभ
रोग 24:30* – 26:03* अशुभ
काल 26:03* – 27:35* अशुभ
लाभ 27:35* – 29:07* शुभ
उद्वेग 29:07* – 30:40* अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 06:41 – 07:39
चन्द्र 07:39 – 08:37
शनि 08:37 – 09:36
बृहस्पति 09:36 – 10:34
मंगल 10:34 – 11:32
सूर्य 11:32 – 12:31
शुक्र 12:31 – 13:29
बुध 13:29 – 14:27
चन्द्र 14:27 – 15:26
शनि 15:26 – 16:24
बृहस्पति 16:24 – 17:23
मंगल 17:23 – 18:21
🚩होरा, रात
सूर्य 18:21 – 19:22
शुक्र 19:22 – 20:24
बुध 20:24 – 21:26
चन्द्र 21:26 – 22:27
शनि 22:27 – 23:29
बृहस्पति 23:29 – 24:30
मंगल 24:30* – 25:32
सूर्य 25:32* – 26:33
शुक्र 26:33* – 27:35
बुध 27:35* – 28:37
चन्द्र 28:37* – 29:38
शनि 29:38* – 30:40
🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩
कुम्भ > 04:32 से 06:10 तक
मीन > 06:10 से 07:38 तक
मेष > 07:38 से 09:16 तक
वृषभ > 09:16 से 11:14 तक
मिथुन > 11:14 से 13:32 तक
कर्क > 13:32 से 15:48 तक
सिंह > 15:48 से 17:58 तक
कन्या > 17:58 से 20:12 तक
तुला > 20:12 से 22:26 तक
वृश्चिक > 22:26 से 00:45 तक
धनु > 00:45 से 02:40 तक
मकर > 02:40 से 04:26 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
6 + 4 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
6 + 6 + 5 = 17 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* सर्वार्थ सिद्धि योग
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
कुराजराज्येन कुतः प्रजासुखं
कुमित्रमित्रेण कुतोऽभिनिर्वृतिः ।
कुदारदारैश्च कुतो गृहे रतिः
कुशिष्यमध्यापयतः कुतो यशः ।।
।। चा o नी o।।
एक बेकार राज्य में लोग सुखी कैसे हो? एक पापी से किसी शान्ति की प्राप्ति कैसे हो? एक बुरी पत्नी के साथ घर में कौनसा सुख प्राप्त हो सकता है. एक नालायक शिष्य को शिक्षा देकर कैसे कीर्ति प्राप्त हो?
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: पुरुषोत्तमयोग :- अo-15
ऊर्ध्वमूलमधः शाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् ।,
छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित् ॥,
श्री भगवान बोले- आदिपुरुष परमेश्वर रूप मूल वाले (आदिपुरुष नारायण वासुदेव भगवान ही नित्य और अनन्त तथा सबके आधार होने के कारण और सबसे ऊपर नित्यधाम में सगुणरूप से वास करने के कारण ऊर्ध्व नाम से कहे गए हैं और वे मायापति, सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही इस संसाररूप वृक्ष के कारण हैं, इसलिए इस संसार वृक्ष को ‘ऊर्ध्वमूलवाला’ कहते हैं) और ब्रह्मारूप मुख्य शाखा वाले (उस आदिपुरुष परमेश्वर से उत्पत्ति वाला होने के कारण तथा नित्यधाम से नीचे ब्रह्मलोक में वास करने के कारण, हिरण्यगर्भरूप ब्रह्मा को परमेश्वर की अपेक्षा ‘अधः’ कहा है और वही इस संसार का विस्तार करने वाला होने से इसकी मुख्य शाखा है, इसलिए इस संसार वृक्ष को ‘अधःशाखा वाला’ कहते हैं) जिस संसार रूप पीपल वृक्ष को अविनाशी (इस वृक्ष का मूल कारण परमात्मा अविनाशी है तथा अनादिकाल से इसकी परम्परा चली आती है, इसलिए इस संसार वृक्ष को ‘अविनाशी’ कहते हैं) कहते हैं, तथा वेद जिसके पत्ते (इस वृक्ष की शाखा रूप ब्रह्मा से प्रकट होने वाले और यज्ञादि कर्मों द्वारा इस संसार वृक्ष की रक्षा और वृद्धि करने वाले एवं शोभा को बढ़ाने वाले होने से वेद ‘पत्ते’ कहे गए हैं) कहे गए हैं, उस संसार रूप वृक्ष को जो पुरुष मूलसहित सत्त्व से जानता है, वह वेद के तात्पर्य को जानने वाला है।, (भगवान् की योगमाया से उत्पन्न हुआ संसार क्षणभंगुर, नाशवान और दुःखरूप है, इसके चिन्तन को त्याग कर केवल परमेश्वर ही नित्य-निरन्तर, अनन्य प्रेम से चिन्तन करना ‘वेद के तात्पर्य को जानना’ है)॥,1॥,
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
योजना फलीभूत होगी। कार्यपद्धति में सुधार होगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। मेहनत सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। शेयर मार्केट में जल्दबाजी से बचें। विवेक का प्रयोग करें। भाग्य का साथ मिलेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन मिलेगा।
🐂वृष
अध्यात्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का मौका हाथ आएगा। सुख-शांति बने रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल चलेगा। मित्रों का सहयोग लाभ में वृद्धि करेगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रमाद न करें।
👫मिथुन
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कारोबार से लाभ होगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। अज्ञात भय रहेगा। अनहोनी की आशंका रहेगी।
🦀कर्क
काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। इच्छाशक्ति प्रबल करें। फालतू खर्च होगा। शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई भी निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें।
🐅सिंह
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नए काम हाथ में आएंगे। कारोबारी वृद्धि से प्रसन्नता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। अज्ञात भय रहेगा। पारिवारिक सहयोग से प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🙍♀️कन्या
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। नए काम मिल सकते हैं। कार्य से संतुष्टि रहेगी। प्रसन्नता तथा उत्साह का वातावरण बनेगा। कारोबार लाभदायक रहेगा। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। प्रमाद से बचें।
⚖️तुला
भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। कुसंगति से बचें। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी बड़े काम में हाथ डाल पाएंगे।
🦂वृश्चिक
राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। समय की अनुकूलता मिलेगी। आलस्य हावी रहेगा। घर में सुख-शांति रहेगी। लाभ होगा।
🏹धनु
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। प्रसन्नता तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। भाइयों से सहयोग मिलेगा। कुसंगति से हानि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
🐊मकर
समय पर बाहर से धन नहीं मिलने से निराशा रहेगी। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। मातहतों का साथ नहीं मिलेगा। थकान रहेगी। व्यवसाय-व्यापार से मनोनुकूल लाभ होगा। बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। मेहनत अधिक होगी। लाभ के अवसर टलेंगे।
🍯कुंभ
पुराने साथियों तथा रिश्तेदारों से मुलाकात सुखद रहेगी। अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। मान बढ़ेगा। किसी नए उपक्रम को प्रारंभ करने पर विचार होगा। लंबी यात्रा की इच्छा रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी न करें।
🐟मीन
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। धन प्राप्ति सु्गम होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सभी काम समय पर होने से प्रशंसा प्राप्त होगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। पारिवारिक चिंताओं में कमी होगी। प्रमाद न करें।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺डा सुधा नन्द झा ज्योतिषी जमशेदपुर झारखंड