तेजनारायण ब्रह्म ऋषि की रिपोर्ट
मधुबनी : एक पदाधिकारी ने पदाधिकारियों को भी नही समझा और छिछले पन अपना उजागर किया।सांख्यिकी पदाधिकारी मधुबनी द्वारा जो अन्य पदाधिकारी के विरुद्ध संयंत्र रचा घृणास्पद है।कुर्शी और अभिमान की कहानी परिलक्षित करते उक्त पदाधिकारी ने डीएम को पत्र लिखा ठीक है यहाँ तक ठीक परंतु चिठी को तथाकथित एक पत्रकार को देकर वाइरल किया वेवसाइट पर चलाया,वो भी एक पक्षीय मनगढंत बाते।जब उक्त पदाधिकारी से पूछा गया कि आप कैसे चिठी वाइरल किये जो आपने लिखी तो पदाधिकारी ने कहा डीएम साहब के यहाँ से वायरल हुआ।अब सोचने बाली बात है कि खुनस उतारने के लिए ये महान पदाधिकारी बीपीएसी के गरिमा को भी नही समझा और पत्र वायरल किया।अगर नही तो डीएम साहब भला अपने पदाधिकारी के विरुद्ध पत्र वायरल क्यों करेंगे या डीएम साहब के यहाँ कोन फोटो ले सकता है।वेवसाईट बाले पत्र भी पूरा नही दिखाया और एक उपसमाहर्ता के कटिंग फोटो लगा दिया।यह प्रकरण तथा कथित पत्रकार के अधूरी पत्रकारिता के परिचायक है।किसी के चरित्र के विरुद्ध न्यायसंगत नही है।ये कहा जा सकता है कि संकुचित मानसिकता बाले सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा किये यह कार्य अनुचित है।डीएम मधुबनी को संज्ञान लेकर अपने उपसमाहर्ता के छवि को धूमिल करने बालो पर करवाई करनी चाहिए अन्यथा जिला पदाधिकारियों के छवि धूमिल होंगे।