युवा साहित्यकार मुकेश रंजन की संस्मरणों पर आधारित किताब “अप्रतिम’ हुआ लोकार्पण
केबुल वेलफेयर एसोसिएशन के सभागार में शहर के युवा साहित्यकार मुकेश रंजन की संस्मरणों पर आधारित किताब “अप्रतिम’ का आज लोकार्पण समारोह हुआ । इस पुस्तक में मुकेश रंजन ने 20 साल जो साहित्य जगत में बिताएं हैं, उसी दरम्यान जो साहित्यकारों और अन्य क्षेत्र के लोगों से उनके जो आत्मीय संबंध बने, उसी पर मुकेश ने संस्मरणात्मक शैली में करीब 46 आत्मीय लोगों पर लिखा है ।
ऐसे लोगों में मुकेश रंजन के जीवन में आये साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, शिक्षक, कलाकार सभी लोग हैं । आज के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री प्रसेनजित तिवारी थे, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारी रह चुके हैं, और वर्तमान में तुलसी भवन के मानद महासचिव हैं । इन्होने कहा कि साहित्य को राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करने की जरूरत है ,उम्मीद है कि अखिल भारतीय साहित्य परिषद और इससे जुड़े साहित्यकार इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पत्रकार देवानंद सिंह और लेखक सह व्यवसायी संदीप मुरारका थे । देवानंद सिंह ने कहा कि मुकेश की यह साहित्यिक यात्रा और भी समृद्ध हो और इसके लिए जरूरी है कि वह गंभीरता के साथ इस राह पर बने रहे।
संदीप मुरारका जी ने कहा कि अब साहित्य को एक नई दिशा देने की जरूरत है ताकि उसकी उपयोगिता और उसकी प्रासंगिकता पहले से ज्यादा दिखाई दे।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डाॅ अरुण शर्मा जी थे जिन्होंने पुस्तक अप्रतिम पर प्रकाश डाला । मुकेश के साहित्यिक व्यकित्व पर बोलते हुए डॉ अनीता शर्मा ने कहा कि मुकेश विपरीत परिस्थितियों में भी कलम को थामे हुए है ,यह सराहनीय कार्य है ।
कवि मुकेश रंजन ने भी अपनी बात रखते हुए बताया कि वह किस प्रकार जीवन के उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए भी साहित्य का ध्वज अपने हाथ में थामे हुए हैं और आगे भी वह साहित्य साधना में लगे रहेंगे।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती मंजू ठाकुर कर रही थी। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि मुकेश और मुकेश जैसे सभी साहित्यकारों को देश निर्माण की दिशा में आगे आना चाहिए और अपनी लेखनी में वह धार पैदा करना चाहिए कि हमारा राष्ट्र विश्व गुरु बनने के पथ पर अग्रसर हो। स्वागत भाषण अधिवक्ता ममता सिंह ने दिया और संचालन डाॅ कल्याणी कबीर का था । धन्यवाद ज्ञापन प्रतिष्ठित रंगकर्मी अनीता सिंह ने किया।