जामताड़ा: नाला प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी कौशल कुमार ने जानकारी देते हुए कहा मनरेगा योजना अंतर्गत कार्य किए हुए श्रमिकों को राज्य मद से दिए जाने वाले अनुग्रह अनुदान राशि में संशोधन किया गया हैं |बताते चले मनरेगा एक मांग आधारित केंद्रीय प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य से प्रत्येक ग्रामीण परिवार जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करना चाहते हैं को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम एक सौ दिनों का गारंटी युक्त रोजगार उपलब्ध कराना है|इस योजना के तहत कार्यरत श्रमिक राज्य के निर्धनता परिवार के लोग हैं ऐसे किसी श्रमिक की प्राकृतिक आपदा अथवा अप्राकृतिक कारणों से मृत्यु हो जाने पर परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल दयनीय हो जाती है वर्णित स्थिति के मद्देनजर विभागीय संकल्प ज्ञापांक 4716 दिनांक 1/8/ 2011 के द्वारा मनरेगा श्रमिकों के लिए मृत्यु अथवा दुर्घटना की स्थिति में अनुग्रह अनुदान का प्रावधान है | जिसमें अधिकतम 65 वर्ष तक के उम्र के जिन मजदूरों के द्वारा किसी वित्तीय वर्ष में कम से कम 15 दिनों तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी की योजनाओं में कार्य किया गया|उनका उसी वित्तीय वर्ष अथवा उसके अगले वित्तीय वर्ष में मृत्यु अथवा दुर्घटना में मृत्यु अथवा अप्राकृतिक मृत्यु हत्या सहित अथवा अंग भंग हो जाने पर उनके आश्रितों को वैध उत्तराधिकारीया हो एवं दुर्घटना से पीड़ित श्रमिकों को अनुग्रह अनुदान की राशि के भुगतान का प्रावधान किया गया है जो दिनांक 1/8/ 2011 से प्रभावी है| सम्यक विचारों प्रांत वर्तमान में बढ़ती महंगाई के मद्देनजर उक्त अनुग्रह अनुदान की राशि में आंशिक संशोधन किया गया है|दुर्घटना में मृत्यु अथवा अप्राकृतिक मृत्यु हत्या सहित होने अथवा स्थाई रूप से विकलांग अंग भंग होने पर राशि 75 हजार रूपये जिसमें संशोधन करते हुये मृत्यु अथवा अप्राकृतिक मृत्यु हत्या सहित होने अथवा स्थाई रूप से विकलांग अंग भंग हो जाने पर राशी 2 लाख रूपये कर दिए गए हैं |दुर्घटना में आंशिक रूप से विकलांग होने पर राशि 37 हजार 500 रूपये जिसको संशोधित करते हुए दुर्घटना में आंशिक रूप से विकलांग होने पर 75 हजार रूपये कर दिया गया है| सामान्य मृत्यु होने पर राशि 30 हजार रूपये जिसको संशोधित करते हुए सामान्य मृत्यु होने पर 1 लाख रूपये कर दिए गए हैं|