*नरेश अग्रवाल को मिलेगा प्रतिष्ठित स्पेनिन साहित्य गौरव सम्मान*
जमशेदपुर के प्रख्यात साहित्यकार नरेश अग्रवाल को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों पर स्पेनिन साहित्य गौरव सम्मान देने का निर्णय, रांची की प्रतिष्ठित संस्था स्पेनिन द्वारा लिया गया है।
यह सम्मान उन्हें दिनांक 19 नवम्बर 22 को उर्सुलाइन इंटर काॅलेज सभागार, रांची में, संस्था के अध्यक्ष डा. अशोक प्रियदर्शी के कर कमलों से दिया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री के. पी. झा एवं विशिष्ट अतिथि सिस्टर डा. मेरी ग्रेस हैं। इस संस्था के र्निदेशक डा. संजय कुमार हैं।
यह सम्मान विगत पन्द्रह वर्षो से लगातार देश के ख्याति प्राप्त साहित्यकारों को दिया जाता रहा है। इनमें से प्रमुख नाम हैं ऋषिकेश सुलभ, पटना। पकंज सुबीर, सीहोर। महेश कटारे सुगम, सागर। अनिता रश्मि, रांची। मार्टिन जाॅन, पश्चिम बंगाल। हरकीरत हीर, असम। उर्मिला शुक्ल, छत्तीसगढ़।
यह संस्था पूरे देश से आयी प्रविष्टियों के आधार पर इस सम्मान को देने का निर्णय लेती है और उत्कृष्ट रचना कर्म के आधार पर यह सम्मान देती है।
अपने समकाल का प्रतिनिधित्व करती नरेश की रचनाएं अपनी सहज संप्रेषण शैली में जिस तरह समय, समाज और संबंधों की गहन पड़ताल करतीं हैं वह आस-पास दिखाई देने वाली विसंगतियों, विडंबनाओं को संवेदना के स्तर पर पाठक के साथ सुगमता से जोड़ पाने में सक्षम है। विविध विषयों और मनोदशाओं का चित्रण अनेक बिम्बों, प्रतीकों के माध्यम से सहसा दृष्टिगत हो जीवंत हो उठता है। ये विशेषताएं ही इन कविताओं को समकालीन सृजन की श्रेणी में अग्रिम पंक्ति में लाकर खड़ा कर देती है।
उल्लेखनीय है कि नरेश अग्रवाल विगत बीस वर्षों से रचना कर्म में हैं और मानवीय संवेदनाओं से जुड़े मुद्दों को अपनी रचनाओं में उठाते रहे हैं।
अभी हाल में ही उन्हें भोपल की साहित्यिक संस्था द्वारा भी साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया।
नरेश अग्रवाल की अब तक 23 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा भी तीन पुस्तकें प्रकाशित की गईं। वे ‘‘मरुधर के स्वर’’ रंगीन त्रैमासिक पत्रिका के संपादक हैं तथा साहित्य जगत में उन्हें अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। उनकी कविताएं देश की लगभग सभी पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं और निरंतर प्रकाशित हो रही हैैं।