देवनद-दामोदर नद प्रदूषण समीक्षा अभियान के चौथे दिन आज जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के नेतृत्व में यात्रा दल ने बोकारो थर्मल पावर स्टेशन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों से फ्लाई ऐश के निस्तारण के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि बीटीपीएस प्रबंधन इस पर विचार कर रहा है। श्री राय ने औद्योगिक इकाईयों के प्रबंधकों को बताया कि दामोदर के किनारे कोलवाशरी, पावर प्लांट आदि दामोदर नद की वजह से है, यदि दामोदर नद सूख गया तो इसके आसपास के सभी औद्योगिक इकाईयां ठप्प हो जायेंगी। इसलिए औद्योगिक इकाईयों को दामोदर नद की महता को समझते हुए इसे प्रदूषण मुक्त करने का भरसक प्रयास करना होगा।
श्री राय ने बताया कि जब वे वर्ष 2004 में बीटीपीएस का निरीक्षण करने आये थे, तब दो ऐश पौण्ड भरा हुआ था और फ्लाई ऐश सीधा दामोदर नद में गिरता था। हमने कंपनी के अधिकारियों से क्लोज सर्किट बनाने, जीरो डिस्चार्जिंग की मांग की तो उन्होंने कहा यह संभव नहीं है। हमने तब दामोदर बचाओ आंदोलन के बैनर तले वर्ष 2004 से 2007 तक समय-समय पर धरना, प्रदर्शन और आंदोलन कंपनी के समक्ष किया, परन्तु बीटीपीएस के अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। उसके बाद दामोदर बचाओ आंदोलन की टीम ने युगांतर भारती और अन्य सहमनी संस्थाओं के साथ वर्ष 2008 में दामोदर घाटी निगम के कोलकाता अवस्थित हेडर्क्वाटर और संसद भवन, नई दिल्ली में धरना-प्रदर्शन किया। उसके बाद कंपनी ने हमारी मांगों को माना और 2015 से क्लोज सर्किट बनाकर रिसाईकिल और जीरो डिस्चार्ज करना शुरू किया, जिसके कारण आज यह स्थान प्रदूषण मुक्त है, जिसे देखकर मन को भी काफी सुकून पहंुचता है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 में दामोदर विश्व की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक थी। पर हमने जन-जागरूकता अभियान चलाया, औद्यौगिक इकाईयों को नदी में अपने कचरा नहीं फेंकने का दबाव बनाया, जिसके कारण दामोदर आज सुखद स्थिति में है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में हमारा संकल्प था कि दामोदर को औद्योगिक प्रदूषण से मुक्त करेंगे। आज यह लगभग 95 प्रतिशत औद्योगिक प्रदूषण से मुक्त हो गया है। अब दूसरे चरण में दामोदर को शहरी प्रदूषण से मुक्त कराने का हमारा संकल्प है। सभी नगर निगमों/नगर पालिकाओं में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए हमें आंदोलनरत् रहना होगा। उन्होंने बताया कि 09 जून को गंगा दशहरा के अवसर पर दामोदर के उद्गम स्थल लोहरदगा स्थित चुल्हापानी से पंचेत तक लगभग 35 स्थानों पर दामोदर नद पूजन किया जायेगा।
इसके बाद अभियान दल तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन पहंुचा। यात्रा दल के संयोजक, डॉ. एम.के. जमुआर ने बताया कि नियमानुसार फ्लाई ऐश को कम से कम एक मीटर मिट्टी से ढंकना है, लेकिन टीटीपीएस प्रबंधन ने केवल 8 से 10 से.मी. ही उसे मिट्टी से ढंका है, जिसके कारण बरसात के पानी के साथ फ्लाई ऐश खेतों में बहकर पहंुचेगी और खेतों की उर्वरता को समाप्त कर देगी। बारिश होने पर कंपनी सिल ऐश को काट कर कटेल नदी में प्रवाह कर देती है जो बाद में दामोदर में मिलती है। नदी का पानी इन सब वजहों से पीला हो गया है। अभियान दल ने जब टीटीपीएस के ऐश पौण्ड का निरीक्षण किया तो पाया कि प्रबंधन द्वारा ऐश युक्त पानी को सीधा नदी में छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण बरसात में नदी दलदली हो जाती है और उसमें फँस कर कई जानवर अपने प्राण त्याग देते है। निरीक्षण के क्रम में टीटीपीएस प्रबंधन द्वारा कई तरह की पर्यावरणीय लापरवाही सामने दिखी। तेनुघाट में स्थानीय विधायक माननीय डॉ. लंबोदर महतो पहंुचे और अभियान दल का उत्साहवर्द्धन किया।
यात्रा दल रामगढ़ जिला के दामोदर और भैरवी नद के संगम स्थल, रजरप्पा पहुंचा। अभियान दल ने रजरप्पा मंदिर में पूजा-अर्चना कर मंदिर परिसर का निरीक्षण किया तो देखा कि प्लास्टिक प्रदूषण से मंदिर अटा पड़ा है और वह सारा प्रदूषण सीधे नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। नगरीय प्रदूषण के सीधे दामोदर में चले जाने के कारण यहां पर भी सिवरेट ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की आवश्यकता है। भैरवी डैम का निरीक्षण करने के बाद श्री राय ने कहा कि जब बांध का निर्माण होता है तो उसमें अपातकालीन गेट बनाने का प्रावधान होता है, ताकि क्षमता से अधिक पानी की निकासी की जा सके। लेकिन यहाँ पर स्पिल-वे है अर्थात जब पानी भरेगा तब अपने आप दूसरे तरफ चला जायेगा। यहाँ गेट का निर्माण करना अत्यधिक जरूरी है। गेट निर्माण के लिए जिम्मेदारों से बातचीत की जायेगी जरूरत हुई तो इसके लिए आंदोलन भी किया जायेगा। इसके बाद अभियान दल ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, रामगढ़ कैंट के साथ बैठक की। दल ने शहर के बारे में असेसमेंट, नागरिक प्रदूषण के रोकथाम, नगरीय जल-मल के निस्तारण के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने, 15वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि का किस तरह इस्तेमाल करने आदि के बारे में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से पृच्छा की। जिस पर उन्होंने सकारात्मक उत्तर देते अभियान दल को बताया कि कंसलटेंट बहाल कर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का अधिष्ठापन कराया जायेगा। डॉ. जमुआर ने बताया कि हमारे दल के वैज्ञानिकों ने सभी चिन्हित स्थानों से जाँच हेतु जल, गाद, जलीय जीवों आदि के नमूनों का संग्रहण किया है।
यात्रा दल का आयोजन युगांतर भारती, दामोदर बचाओ आंदोलन,नेचर फाउंडेशन, देवनद-दामोदर क्षेत्र विकास ट्रस्ट और झारखंड सरकार का पर्यटन, कला-संस्कृति विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस दल में संयोजक डॉ. एम.के. जमुआर, दामोदर बचाओ आंदोलन के संयोजक, श्री प्रवीण सिंह, बोकारो जिला संयोजक, श्री सुरेन्द्र सिन्हा, रामगढ़ जिला संयोजक, श्री गोविंद मेवाड़, बीटीपीएस संयोजक, श्री श्रवण सिंह, तेनुघाट संयोजक, श्री अनिल स्वर्णकार, रजरप्पा संयोजक, श्री पंचम चौधरी, युगांतर भारती के कार्यकारी अध्यक्ष, श्री अंशुल शरण, श्री अमेय विक्रमा, श्री धर्मेंन्द्र तिवारी, श्री मुकेश कुमार, श्री मुकेश सिंह, श्री राहुल मुंडा आदि शामिल थे