स्लिंगशॉट “गुलेल” खेल के राष्ट्रीय प्रतियोगिता मैं झारखंड राज्य एक स्वर्ण दो रजत पदक प्राप्त करने में सफल हुए
स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ इंडियन और स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ गोवा के संयुक्त तत्वाधान में गत 10 एवं 11 मार्च को गोवा में आयोजित 6 वीं राष्ट्रीय स्लिंगशॉट प्रतियोगिता 2022 में झारखंड राज्य से तीनों खिलाड़ी स्लिंगशॉट यानी “गुलेल” खेल में झारखंड राज्य से प्रतिनिधित्व किये थे। इस प्रतियोगिता में अपने – अपने आयु वर्ग में तीनों खिलाड़ीयों ने पदक झटका जिसमें दुमका के सैमसंन सागर टुडु ने स्वर्ण पदक प्राप्त करने में सफल रहे वहीं जामताड़ा के सूरज कु. पासवान और गोड्डा अर्पण राज मरांडी ने अपने-अपने वर्ग में रजत पदक प्राप्त करने में सफल रहे। सभी खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन कर पदक प्राप्त कर झारखंड राज्य को गौरवान्वित किए । स्लिंगशॉट “गुलेल” के राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर जामताड़ा पहुंचने पर सभी खिलाड़ियों का भव्य स्वागत में स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ झारखंड के अधिकारियों एवं सदस्यों ने फूल – माला , अबीर – गुलाल एवं मिठाइयां खिलाकर एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं दिए। स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ झारखंड के महासचिव दीपक दुबे ने कहे की स्लिंगशॉट यानी “गुलेल” खेल को झारखंड राज्य में बढ़ावा देने के लिए हम झारखंड के विभिन्न जिलों में जाकर इस खेल का प्रचार – प्रसार के लिए संपर्क स्थापित कर रहे हैं। आने वाले समय में झारखंड के अधिकतर जिले में हमारा प्रयास होगा कि लोगों के मुंह में अपवाद के रूप में चिड़िया मार “गुलेल” को अब स्लिंगशॉट खेल के नाम से खिलाड़ियों को रूबरू करा के उभारने का कार्य करने के लिए हम प्रयासरत हूं। अब परिणाम दिखने लगा एक वर्षो के अथक प्रयास से ही हमारे झारखंड के खिलाड़ीयों ने राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में प्रथम बार 5 पदक एवं द्वितीय द्वितीय बार दमखम के साथ 3 पदक प्राप्त किए जो संपूर्ण झारखंड के लिए गौरव के विषय के साथ गौरवान्वित पल है। झारखंड राज्य से द्वितीय बार इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में गुलेल खेल में यहां के बच्चे ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में इतिहास रचे हैं । इन विजेता खिलाड़ियों को देखकर हम काफी गर्व और फक्र महसूस कर रहा हूं । झारखंड में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है यहां की मिट्टी में कूट-कूट कर प्रतिभा के भरमार है बस जरूरत है उसे प्लेटफार्म देने की हमारे प्रयास है कि आने वाले समय में “गुलेल” खेल को खेल के रूप में पूरे झारखंड राज्य के खिलाड़ीयों सीखे और आने वाले समय में झारखंड राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता मैं “गुलेल” खेल में सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल करेंगे । गुलेल खेल स्लिंगशॉट हमारे झारखंड के संस्कृति एवं धार्मिक परंपरा के साथ जुड़ा हुआ है । गुलेल खेल शिकारी अपना शिकार मैं परांगत हासिल करने के लिए करते हैं अति प्राचीन एवं प्रचलित खेल है “गुलेल” अब इसे स्लिंगशॉट खेल के रूप में प्रचार – प्रसार किया जा रहा है। गुलेल खेल जिला , राज्य , राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेडिशनल खेल के रूप में भी मन्नता प्राप्त खेल है । आने वाले समय में “गुलेल” खेल से जामताड़ा जिला सहित पूरे झारखंड राज्य राष्ट्र स्तर पर एक अपना अलग पहचान बनायेंगे मुझे आशा है। इस खेल को बढ़ावा देने के लिए आने वाले समय में झारखंड सरकार खेल मंत्रालय से सहयोग की अपेक्षा है यदि खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के रूप में सहयोग मिलना शुरू हो जाए तो झारखंड प्रदेश निश्चित रूप से यह खेल से देश एवं विदेशों में एक अलग पहचान बनायेंगे। झारखंड राज्य के अधिकतर जिले में इसकी कमेटी बनी है , इस खेल का व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। यह खेल कोई नया नहीं है हमारे झारखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण एवं गांव में गुलेल चलाने का प्रचलित बहुत जोरों – शोरों से है बस उन सभी को इस गुलेल के आधुनिक नाम स्लिंगशॉट खेल से जुड़ना का प्रयास है । जिससे हमारे पशु – पक्षी पे अत्याचार और हिंसात्मक कम हो और लोग “गुलेल” को खेल के रूप में अपनाकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर में अपने पहचान बनायेंगे। विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने आज टीम को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर जामताड़ा पहुंचे तो खिलाड़ियों को बधाई एवं शुभकामनाएं के लिए
मुख्य रुप से स्लिंगशॉट एसोसिएशन ऑफ झारखंड के महासचिव दीपक दुबे, नितेश सेन, अजय पांडे , राहुल सिंह, विपिन दुबे, भास्कर चांद , संजीव सेन, रविंद्र सुमन , अरुण पंडित, बापी दत्ता , परिणीता सिंह एवं रूपम सेन ने दिए।