तेघड़ा/बेगूसराय( अनंत कुमार):-
बेगूसराय जो राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि है ,और इसे बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह के द्वारा औद्योगिक जिला घोषित किया गया और दर्जनों कारखानों की स्थापना की गई। एक जमाना था जब यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का मुंह नहीं देखना पड़ता था ।आहिस्ता – आहिस्ता यहां की फैक्ट्रियों में ताले लगते गए और एक ऐसा भी कालखंड आया था जब यहां शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार हेतु बहुत प्रयास किया गया और बच्चे धीरे-धीरे प्राथमिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा ग्रहण किया,लेकिन उच्च शिक्षा के लिए अभी भी बेगूसराय जिला में छात्र-छात्राओं में मारामारी चल रही है ।बेगूसराय जिला मुंगेर प्रमंडल का अंग है ,लेकिन अभी भी यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दरभंगा विश्वविद्यालय ही जाते है। समाज सुधार अभियान के अंतर्गत जब बिहार के मुख्यमंत्री ,नीतीश कुमार का आगमन बेगूसराय हुआ तो यहां के युवाओं का लग रहा था कि वह जिला में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर विश्वविद्यालय की बात करेंगे ,लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ।इसी विषय पर एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष राकेश कुमार, ने कहा कि भले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब किसी मंच पर जाते हैं तो कहते हैं कि हमने पढ़ाना शुरू किया ,हमने लोगों को पढ़ाया ,बच्चों को बढ़ाया लड़कियों को साइकिल दिया ,पोशाक दिया ।लेकिन उन्हीं से यह प्रश्न है कि जब बच्चे प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा पूरा कर लेते हैं तो उच्च शिक्षा के लिए कहां जाएंगे उनके पास है कोई जवाब क्योंकि? वह तो केवल अपनी उपलब्धि और शराब – शराब का के चारों तरफ अपना पीठ थप थपाए फिरते हैं ।वही आज बेगूसराय के बच्चों को उच्चतर शिक्षा ग्रहण करने के लिए जिला से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर दरभंगा जाना पड़ता है ।कई बार उनके प्रमाण पत्र खो जाते हैं ,कई बार परीक्षा छूट जाता है, लेकिन इसको ना तो कोई देखने वाला है ,ना सुनने वाला है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बेगूसराय में उच्च शिक्षा बिल्कुल अंधकार में गिर गया है। जिला के सुप्रसिद्ध महाविद्यालय जी डी कॉलेज में उप केंद्र भी खोला गया लेकिन उसमें भी सालों भरता लिंग लटके रहते हैं वह भी किसी काम का नहीं छात्रों के भविष्य के साथ कब तक यह सरकार खिलवाड़ करते रहेगी यह कहना मुश्किल है।