स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन
शांत हुई स्वर सरस्वती, शोक में डूबा देश
लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन का राष्ट्रीय शोक, शिवाजी पार्क में आज शाम होगा अंतिम संस्कार
शिवाजी पार्क में शाम 6:30 बजे होगा लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार
अंतिम दर्शन के लिए लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर दोपहर 12 से 3 बजे तक पेडर रोड स्थित उनके घर पर रखा जाएगा
हिंदी फ़िल्म जगत की मशहूर गायिका लंबे समय से बीमार होने के कारण रविवार रात मल्टी ऑर्गन फेल्योर से पीड़ित होने के बाद मुंबई में निधन हो गया हैं। इससे पहले बीच Breach Candi अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। यहां पर उन्हें ICU में रखा गया था। उनकी हालत काफ़ी ज़्यादा नाज़ुक थी। अस्पताल में उनका इलाज डॉ. प्रतीत संदानी कर रहे थे।देश की अमर आवाज लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन के बाद उनकी कुछ यादें सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल में स्मृति शेष में चलने लगी है इसी
कड़ी में कुछ विशेष—-
एक किताब में लता मंगेशकर ने अपनी गायकी के शुरूआती दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें एक बार गुजरे जमाने की मशहूर गायिका और अभिनेत्री नूरजहां के सामने गाना गाने के लिए कहा गया था. अधिकतर लोग ऐसा सोचते हैं कि वो अपनी आवाज के लिए कुछ खास नहीं करती हैं, क्योंकि यह कुदरत की देन है, मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.
जिनके नाम से भारतीय सिनेमा के संगीत की पहचान है, जो ‘भारत की कोकिला’ (the nightingale of India) हैं, जिनकी आवाज में रूहानी जादू है, आज उनका जन्मदिन है (Birthday of Lata Mangeshkar). लता मंगेशकर के प्रशंसक पूरी दुनिया में है. फैंस जानते हैं कि लता दीदी जैसी गायिका का जन्म बार-बार नहीं होता है. मगर लता मंगेशकर खुद को एक अदना-सा कलाकार ही मानती हैं. कई मौकों पर उन्होंने अपनी संगीत यात्रा के बारे में बताया है.
जब नूरजहां ने कहा, ‘तुम बड़ी गायिका बनोगी’
लता कहती हैं, एक दिन वो फिल्म ‘बड़ी मां’ (Badi Maa) के सेट पर थी. मास्टर विनाय ने उनसे मिलवाते हुए कहा ‘ये नूरजहां जी हैं’, इनका एक गाना गाओ. इसलिए मैंने राग जयजयवंती गाया. इसके बाद उन्होंने मुझे एक फिल्म गाना गाने के लिए कहा, तो मैंने आर.सी बोरल की फिल्म ‘वापस’ (Wapas) के गाने ‘जीवन है बेकार तुम्हारे बिना’ गाया. जब मैं गा रही थी, तो मुझे बाबा की बातें याद आ गईं, उन्होंने कहा था, ‘यदि तुम अपने गुरु के सामने गाती हो, तो खुद को गुरु समझो’. बाबा की इसी बात को ख्याल करते हुए मैंने गाना गाया, उन्हें मेरी आवाज पसंद आई. लता मंगेशकर ने किताब में जिक्र किया है कि नूर जहां, ने उन्हें खूब प्रैक्टिस करने के लिए बोला, और कहा ‘मैं किसी दिन बहुत अच्छी गायिका बनूगीं’
कामयाबी के लिए कड़ी मेहनत और प्रशिक्षण है जरूरी
लता मंगेशकर ने अपने इंटरव्यू में खुलासा करते हुए कहा था कि 75 फीसदी मूल प्रतिभा (Natural Talent) होती है, बाकी आपकी कड़ी मेहनत और प्रशिक्षण है. लता दीदी कहती हैं कि लोग मानते हैं, ‘एक गायक को खाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. वे सलाह देते हैं कि मिर्च न खाएं, अचार का सेवन न करें या फिर दही भी मत खाएं’, मगर मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देती. महान गायिका आगे बताती हैं कि मेरे पिता हमेशा कहते थे, ‘अगर आपको गायक बनना है, तो अपने आसपास प्रतिबंध में लगाओ, एक गायक को खुलकर गाना चाहिए, यदि आप नियमित रूप से रियाज करेंगे, तो आवाज हमेशा अच्छी रहेगी’
मास्टर गुलाम हैदर की बेशकीमती सलाह
एक बार गीतकार जावेद अख्तर के साथ एक इंटरव्यू के दौरान लता मंगेशकर ने कहा था कि मास्टर गुलाम हैदर के सिखाए सबक की वजह से ही उनकी आवाज और गायकी, श्रोताओं के दिल को कुछ हद तक छु पाती है. लता दीदी ने इस इंटरव्यू में बताया था कि मास्टर गुलाम हैदर मुझसे कहा करते थे,’ लता, गाने के जो बोल हैं, उनको पहले समझो. इसके लिए तुम्हें थोड़ी हिन्दीं और उर्दू आनी चाहिए. कल्पना करो की जो नायिका का दुख है, उसे अपना समझो, जो खुशी वो महसूस कर रही है, तम भी महसूस करो, फिर देखो तुम्हारे गायन का कितना प्रभाव पड़ता है.