“पद्मनाभ साहित्य परिषद्” के मंच से नए वर्ष व गणतंत्र दिवस के आगमन पर एक ऐतिहासिक कविगोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसकी प्रदेश अध्यक्ष निवेदिता श्रीवास्तव”गार्गी” एवं संस्थापिका डॉ.प्रतिभा परशर हैं।आज की गोष्ठी का आगाज माँ सरस्वती की वंदना नीलम पेड़ीवाल जी के स्वर माधुरी से हुई ।स्वागत भाषण आदरणीया आरती श्रीवास्तव “विपुला” जी के द्वारा किया गया ।
मंच संचालिका बीणा पाण्डेय “भारती” जी ने अपने नाम और गुणों के अनुरूप समां बांध दिया । अपने सुकोमल कंठ से गीत मुक्तक से कवियों का आगाज किया ।सर्वप्रथम लक्ष्मी सिंह ने अपना काव्य पाठ देश भक्ति रचना से किया किरण जी की रचना तिरंगा पर माटी की खुशबू से महक गईं ।पूनम शर्मा स्नेहिल जी भारत की कहानी है पर खूबसूरत सृजन प्रस्तुति दी ।उपासना सिन्हा जी ने जिंदगी की सही “कश्मकश” पर अपनी सुन्दर रचना सुनाई ।सुदीप्ता जेठी राउत ने जीवन एक पहेली हो गई नामक सुन्दर प्रस्तुति दी पूनम सिन्हा जी दुनिया को अब क्या बतलाएं ? में सुन्दर प्रस्तुति दी ।
बसंत जमशेदपुरी जी ने ग़ज़ल कह कर माहौल को खुशनुमा रंग दे दिया ।छाया जी ने हास्य रस से मंच की रौनक बढ़ाई ।सरोज जी ने देश प्रेम की रचना सुनाई ।
आरती श्रीवास्तव जी आल्हा छंद में पूर्व प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी को जिवंत किया ।निवेदिता श्रीवास्तव जी ने “कहाँ है ठिकाना पता कोई पूछे” रचना से लोगों के दिलों में प्रवेश किया
नीलम जी ने बेटी पर एक सुन्दर प्रस्तुति दी ।पूनम सिन्हा ने गजल गाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दियाबीणा पाण्डेय भारती जी ने भारत प्रेम बुलन्द किया।अध्यक्षता प्रतिभा प्रसाद “कुमकुम” जी ने किया ।इसके उपरांत धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश अध्यक्ष निवेदिता श्रीवास्तव”गार्गी” ने करके कार्यक्रम का समापन किया।गोष्ठी की सफलता एवं आयोजन सभी साहित्य सेवियों की सहभागिता से सफल रही।
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