भगवान बिरसा मुंडा देश के महानायकों में एक थे: राजेश शुक्ल
झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश कुमार शुक्ल ने आज भगवान बिरसा जयंती के अवसर पर अपने आवासीय कार्यालय में श्रद्धा सुमन अर्पित किया तथा भगवान बिरसा मुंडा विचार मंच दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का ऑनलाइन उदघाटन किया।
इस अवसर पर श्री शुक्ल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी समाज को संगठित कर आजादी के लिए युद्ध किया। बिरसा मुंडा केवल झारखंड के ही नही बल्कि देश के महानायकों में एक थे। उनकी शहादत को आज झारखंड ही नही पूरा देश याद करता है और प्रणाम करता है।
श्री शुक्ल जो अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के भी राष्ट्रीय महामंत्री है ने इस संगोष्ठी में अपने उदघाटन भाषण में कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा की आज जन्म जयंती है इस पावन अवसर पर हमें न सिर्फ बिरसा मुंडा की शहादत को याद करना चाहिए, बल्कि उनके मूल्यों के प्रति भी ईमानदार होने की जरूरत है। बिरसा मुंडा का संघर्ष आदिवासी किसानी समाज का संघर्ष रहा है। उनका संघर्ष एक ऐसी व्यवस्था से था जो किसानी समाज के मूल्यों और नैतिकता का विरोधी था। उन्होंने आदिवासी समाज के स्वाभिमान और स्वायत्तता के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किया।
श्री शुक्ल ने कहा कि आज हम सबका दायित्व है कि ऐसे महान सपूत के संघर्ष के विरासत के मूल्यों को ग्रहण करे तथा आदिवासी भाई बहनों की खुशहाली के लिए समग्र रूप से प्रयास करे। पूर्व की भाजपा की राज्य सरकार ने शहीद ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत झारखंड के वीर शहीदों के गाँवो का समग्र विकास करने का काम शुरू किया था। वर्तमान राज्य सरकार को भी इस पर कार्य करना चाहिए। श्री शुक्ल ने भारत सरकार द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की भी प्रशंसा की तथा इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्री श्री
अर्जुन मुंडा का आभार व्यक्त किया।
इस संगोष्ठी में भोपाल से अवकाश प्राप्त न्यायाधीश श्री परमेश्वर भूरिया, डॉ बी के मांझी, सूर्यकांत मरांडी, देवनंदन मंडल सहित शिक्षाविदों, अधिवक्ताओं और चिकित्सकों ने भाग लिया तथा संबोधित किया। अध्यक्षता डॉ श्रीमती विभा टुडू ने किया। झारखंड के 21 बर्ष पूरे होने पर झारखण्ड वासियो को बधाई भी दी गयी।