Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » कोविड के दो वर्षों की महामारी काल में भी हुए कश्यप मेमोरियल आई बैंक में 124 नेत्र प्रत्यारोपण एक ऐतिहासिक सफलता
    Breaking News Headlines झारखंड बिहार राजनीति राष्ट्रीय

    कोविड के दो वर्षों की महामारी काल में भी हुए कश्यप मेमोरियल आई बैंक में 124 नेत्र प्रत्यारोपण एक ऐतिहासिक सफलता

    Devanand SinghBy Devanand SinghAugust 31, 2021No Comments7 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

    रांची, 31 अगस्त : कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल के सभागार में आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब के द्वारा 36वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के अंतर्गत आई डोनेशन अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड के माननीय राज्यपाल श्री. रमेश बैस जी एवं विशिष्ट अतिथि झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री श्री. बन्ना गुप्ता थे। आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब के अध्यक्ष श्री.अनुज सिन्हा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। डॉ.भारती कश्यप ने आई डोनेशन अवेयरनेस क्लब के सदस्यों का परिचय माननीय मुख्य अतिथि राज्यपाल महोदय से कराया। कार्यक्रम के दौरान मृत्यु उपरांत अपने परिजनों के नेत्रदान करने वाले परिवारों बेबी अपराजिता, नर्मदा देवी गाड़ोदिया, शैलेश कोठारी, साधना जैन और कमला रानी भाटिया को राज्यपाल श्री. रमेश बैस जी एवं स्वर्गीय प्रभात कुमार तुलस्यान, शारदा देवी लोहिया, द्रोपदी देवी चौधरी, इंद्रा देवी जैन और
    रश्मि मारू को माननीय स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा सम्मानित किया गया।

    सन 1995 में संयुक्त बिहार-झारखण्ड का पहला नेत्र प्रत्यारोपण डॉ. बी पी कश्यप और डॉ. भारती कश्यप द्वारा स्व. हरिप्रसाद के मृत्योपरांत किए गए स्थानीय नेत्रदान से किया गया था। यह आई बैंक राज्य का प्रथम एक्टिव आई बैंक है जो पिछले 26 वर्षों से सफलतापूर्वक कॉर्निया जनित दृष्टिहीनों को रौशनी दे रहा है। कश्यप मेमोरियल आई बैंक द्वारा अभी तक 606 कॉर्निया के बीमारी से ग्रसित मरीजों को नेत्र प्रत्यारोपण से लाभान्वित किया है।

    • पिछले दो वर्षों में देश में नेत्रदान एवं नेत्र प्रत्यारोपण में 50% से ज्यादा कमी आई
    • कोविड के दो वर्षों की महामारी काल में भी हुए कश्यप मेमोरियल आई बैंक में 124 नेत्र प्रत्यारोपण एक ऐतिहासिक सफलता
    • 2021 में अब तक 69 नेत्र प्रत्यारोपण
    • 26 वर्षों में अब तक कुल 606 नेत्र प्रत्यारोपण हुए
    • स्थानीय मृत्यु उपरांत नेत्रदान की संख्या कम
    • कॉर्निया डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से मंगाए गए अधिकांश कॉर्निया
    • कश्यप मेमोरियल आई बैंक आई बैंक द्वारा किये गए डिजिटल सर्वे से पता चला कि नेत्रदान के लिए जागरूकता के बावजूद इच्छाशक्ति का अभाव है
    • देश की दूसरी सबसे छोटी उम्र की आई डोनर 18 दिन की बेबी अपराजिता के माता-पिता के परिजन भी अन्य नेत्रदाता परिवारों के साथ राज्यपाल एवं स्वास्थ्य मंत्री द्वारा हुए सम्मानित
    • 18 दिनों के बच्चे से लेकर 103 वर्षों के लोगों तक का नेत्रदान कश्यप मेमोरियल आई बैंक में हुआ है

    भारतवर्ष में विगत दो वर्षों में हुए नेत्रदान व नेत्र प्रत्यारोपण के आंकड़े
    नेत्रदान नेत्र प्रत्यारोपण
    अप्रैल 2019 – मार्च 2020 50,953
    27,075
    अप्रैल 2020 – मार्च 2021 18,359 12,998

     

    पुरे देश में अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2020 तक 50,953 नेत्रदान हुए जबकि कॉर्निया प्रत्यरोपण केवल 27,075 हुए। 50 प्रतिशत दान में मिले कॉर्निया बर्बाद हो गए। सबसे बड़ी समस्या है कि जो नेत्र दान में मिले हैं उनकी सुरक्षा की जाए और उनको प्रत्यारोपण के लिए काम में लाया जाए। इसकी वजह यह है कि सभी आई बैंक संसधान युक्त नहीं होते, उनके पास कॉर्निया को सुरक्षित रखने के लिए अच्छे स्टोरेज मीडियम नहीं होते, उनके पास अच्छे कॉर्निया सर्जन का अभाव होता है, देश के सभी आई बैंक कॉर्निया डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से नहीं जुड़े हैं। ऐसी स्थिति में जिन आई बैंक के पास ज्यादा कॉर्निया होती है मगर प्रत्यारोपण कम होता है वहां से दुसरे ऐसे आई बैंक तक कॉर्निया नहीं पहुंच पाती जहां पर कॉर्निया जनित दृष्टिहीन मरीजों की लंबी प्रतीक्षा सूची है मगर कॉर्निया का दान कम है।कॉर्निया डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के नेटवर्क से देश के सभी एक्टिव 109 आई बैंकों को जोड़कर काफी हद तक कॉर्निया को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है।

    कश्यप मेमोरियल आई बैंक की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि हमें ख़ुशी है हमारे पास कॉर्निया जनित दृष्टिहीनता से प्रभावित मरीजों की लंबी सूची है, विशेष प्रकार के नेत्र प्रत्यारोपण में प्रशिक्षित FRCS एवं ICO की अंतर्राष्ट्रीय डिग्री से सम्मानित डॉ निधि गडकर कश्यप की भी टीम है जिनके द्वारा पिछले दो वर्षों से ज्यादातर नेत्र प्रत्यारोपण अत्याधुनिक पद्धति डीसेक जो एक प्रकार की लैमेलर केराटोप्लास्टी है, द्वारा किया जा रहा है। जिसका फायदा ज्यादा से ज्यादा गरीब मरीजों को आयुष्मान भारत के द्वारा मिल रहा है।

    स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नेत्रदान एक धार्मिक काम है। क्योंकि ऐसे काम आत्मा से किए जाते हैं। जब आत्मा और परमात्मा का मिलन होता है, तभी नेत्रदान जैसे काम होते हैं। इसे बढ़ावा देने और इसके सफल संचालन के लिए मैं डॉ बी पी कश्यप, डॉ भारती कश्यप, उनके पुत्र डॉ विभूति और उनकी पुत्रवधू का धन्यवाद करना चाहता हूँ। क्योंकि कोरोना काल में भी आपने 120 लोगों के नेत्र प्रत्यारोपण किए।

    झारखंड में क़रीब डेढ़ करोड़ लोग ऐसे हैं, जो देख नहीं सकते। इनमें से 75 प्रतिशत लोगों को ठीक किया जा सकता है। देश में 109 आई बैंक हैं लेकिन आपसी समन्वय नहीं होने के कारण कहीं कहीं कार्निया रहने के बाद हम उसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। मैं सबसे कम उम्र की आई डोनर अपराजिता की माँ का भी धन्यवाद करना चाहता हूँ कि उन्होंने इतना साहसिक निर्णय लिया।

    मुझे गर्व है कि ऐसे नेक काम में प्रेस की भी भागीदारी है। हम आई बैंकों के कोआर्डिनेशन की कमियों को दूर करेंगे और राजनीतिक अनुभव के धनी राज्यपाल जी के दिशानिर्देश पर काम कर हमारी सरकार राज्य की तरक़्क़ी का रास्ता तैयार करेगी।

    राज्यपाल ने कहा कि हर छोटा काम बड़ा होता है। अगर कोई लंबे समय से अंधेरे में हो और उसे अचानक सबकुछ दिखने लगे, तो उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। दक्षिण अफ़्रीका भ्रमण के दौरान मैं एक सोने की खदान में काम करने वाले एक मज़दूर से मिला, जो छह महीने से खदान में ही काम कर रहा था। छह महीने बाद जब वह खदान से बाहर आया और उसने सूरज की रौशनी देखी, तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। अब कल्पना कीजिए कि जिसको पहले कुछ नहीं दिखता हो, उसे आँख मिल जाए तो उसे कितनी ख़ुशी होगी।

    डॉ भारती ने मुझे बताया कि नेत्रदान के प्रति जागरूकता उतनी नहीं है। लोग भावनाओं में बह जाते हैं लेकिन अगर भावना से ऊपर उठकर सोचें, तो कितना बड़ा काम हो सकता है। किसी को आँखें मिल जाएँ इससे बड़ी बात कुछ और नहीं हो सकती। मेरे कई दोस्त डॉक्टर हैं और मेरे बड़े भाई भी डॉक्टर थे। मैं आप सबकी सेवा भावना को अच्छी तरह समझ सकता हूँ। आपने 124 नेत्र प्रत्यारोपण किए हैं। मैं डॉ भारती और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद देना चाहता हूँ।

    आज संपूर्ण विश्व नोबेल कोरोना वायरस की समस्या से ग्रसित है। हमारा देश और प्रदेश भी इन चुनौतियों का सामना कर रहा है। हमने कई अपने लोगों को खो दिया है। इन विषम परिस्थितियों में भी कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल ने जो कार्य किए हैं, वह एक उदाहरण है।

    विश्व के दृष्टिबाधित लोगों की एक बड़ी आबादी हमारे देश में रहती है। जो चिंता का विषय है। आँकड़ों के अनुसार 1.25 करोड़ लोग दृष्टिहीन हैं। इनमें से 30 लाख लोग नेत्र प्रत्यारोपण के माध्यम से दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं। कार्निया का सही रख रखाव नहीं होने पर बहुत से कार्निया ख़राब भी हो जाते हैं। इस सिस्टम को और विकसित और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है ताकि कार्निया की बर्बादी नहीं हो। आजकल बच्चे भी मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। खेल खेल में उनकी आँखें ख़राब हो जा रही हैं। बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। लिहाज़ा नेत्र चिकित्सकों को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। मैं नेत्रदान का निर्णय लेने वाले सभी लोगों और परिवारों का आभारी हूँ। आप हमारे प्रेरणास्रोत हैं।

    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleकाली पट्टी बांध के एबीवीपी कार्यकर्ता ने बेगूसराय पुलिस का विरोध किया
    Next Article मृतक ऋतुराज के परिजनों से मिले पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह एवं एआईएसएफ के प्रतिनिधि

    Related Posts

    सरायकेला थाना से महज 500 मीटर की दूरी पर असामाजिक तत्वों ने साप्ताहिक हाट बाजार में लगा दी आग

    May 11, 2025

    तेली साहू समाज गोलमुरी क्षेत्र ने मनाया कर्मा जयंती, कार्यकम का उद्घाटन पूर्णिमा साहू और दिनेश कुमार ने किया

    May 11, 2025

    हेलमेट और कागजात की चेकिंग के बाद भी लोगो से पैसे की मांग करती हैं पुलिस – सरदार शैलेन्द्र सिँह

    May 11, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    अभी-अभी

    सरायकेला थाना से महज 500 मीटर की दूरी पर असामाजिक तत्वों ने साप्ताहिक हाट बाजार में लगा दी आग

    तेली साहू समाज गोलमुरी क्षेत्र ने मनाया कर्मा जयंती, कार्यकम का उद्घाटन पूर्णिमा साहू और दिनेश कुमार ने किया

    हेलमेट और कागजात की चेकिंग के बाद भी लोगो से पैसे की मांग करती हैं पुलिस – सरदार शैलेन्द्र सिँह

    आदित्यपुर में एंटी करप्शन इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की बैठक संपन्न, सदस्यों को भ्रष्टाचार मुक्त समाज निर्माण का दिया निर्देश

    हाता बिरसा चौक में बनेगा 4.50 करोड़ की लागत से बस स्टैंड सह मार्केट कॉम्प्लेक्स, विधायक संजीव सरदार ने किया भूमि पूजन

    जमशेदपुर मे संभावित हवाई हमले व अन्य आपदा प्रबंधन के संबंध में मॉक ड्रिल का आयोजन

    तुलसी भवन में बहुभाषी काव्य गोष्ठी ‘लोकमंच’ आयोजित

    कांग्रेस ने पूछा, क्या सरकार ने कश्मीर पर स्वीकार ली है अमेरिकी मध्यस्थता

    सात मई के हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी ढेर: डीजीएमओ

    पाकिस्तान के रावलपिंडी में भी भारतीय सेना की ताकत महसूस की गई : राजनाथ

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.