थ्री डी प्रिटिंग प्रौद्योगिकी और अंग प्रत्यारोपण पर प्रभावों के बारे में अध्ययन को इंटरनेशनल जर्नल आँफ मेडिकल रिसर्च एण्ड हेल्थ साईंसेज के अगले संस्करण में होगा प्रकाशित
लंदन में होगा डाँ हुसैन का रिसर्च पेपर प्रकाशित
चन्दन शर्मा की रिपोर्ट
छौड़ाही(बेगूसराय):-प्रखंड क्षेत्र के छौड़ाही के बखड्डा गाँव के रहनेवाले डाँ कमाल हुसैन के नाम एक और नयी उपलब्धि जुड़ गयी है।पेशे से बतौर डाँक्टर मक्का के किंग फैशल अस्पताल में ऐशोसियेट प्रोफेसर काफी मेधावी और प्रतिभाशाली डाँ हुसैन अपने साकारात्मक कार्यों के बदौलत हमेशा से सुर्खियों में बने रहें हैं।यही कारण है कि पुरे मनोयोग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुये नित्य नये पुरस्कार और ख्याति देश और दुनियाँ में प्राप्त कर अपने गाँव घर प्रदेश और देश की प्रतिष्ठा बढ़ा रहें हैं।इस कड़ी डाँ कमाल के नाम एक और बड़ी उपल्ब्धि ने क्षेत्र के उन युवाओं के लिये आदर्श स्थापित कर रहा है।जो कड़ी मेहनत के बदौलत मुकाम हासिल करना चाहते हैं।अभी हाल में ही डाँ कमाल हुसैन का एक रिसर्च पेपर लंदन में प्रकाशित होना सुनिश्चित हुआ है।डाँ हुसैन ने 3डी प्रिटिंग प्रौद्योगिकी और अंग प्रत्यारोपण पर इसके प्रभावों के बारे में एक अध्ययन विषय जो कि इंटरनेशनल जर्नल आँफ मेडिकल रिसर्च एण्ड हेल्थ साईंसेज के अगले संस्करण में प्रकाशित होगा।इसकी जानकारी डाँ हुसैन को जर्नल के ऐडिटोरियल बोर्ड ने इ-मेल कू जरिये मिली है।यह रिसर्च अपने आप में अनोखा रिसर्च है जिसमें मानव द्वारा बनाये गये मानव अंगों के विशेषता को दर्शाता है।डाँ हुसैन बताते हैं कि तकनीकी प्रगति स्वास्थ्य सेवा में प्रमुख उपलब्धियों में से एक है।उन्होंने बताया कि वर्तमान सदी में विशेष रूप से हमारे दैनिक जीवन का यह अभिन्न अंग हो गया है।इसमें बताया गया है कि किस तरह से हमलोग पिछले चार दशकों की तुलना में प्रौद्योगिकी पर अधिक निर्भर हैं।स्वास्थ्य की देखभाल प्रौद्योगिकी में नये विकास के अनुसार अंग प्रत्यारोपण में डाँक्टरों के लिये 3डी प्रिटिंग तकनीक एक महान उपकरण और साहायता के रूप में उभरी है।डाँ कमाल बताते हैं कि यह पेपर मानव अंग प्रत्यारोपण पर 3डी प्रिटिंग के उपयोग और प्रभाव की जाँच करता है।पिछले तीन दशकों में प्रत्यारोपण नाटकीय ढ़ंग से बदल गये हैंं।खासकर ऐसे वक्त में जब आधुनिक सदी में जहाँ अब हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है।स्वास्थ्य सेवा उद्योग को भी प्रौद्योगिकी की दुनियां में एक बड़े विकास का सामना करना पड़ा।बावजूद इसके स्वास्थ्य उद्योग में अभी भी कई कठिनाईयां और चुनौतियां हैं,क्योंकि यह मनुष्यों के जीवन और मृत्यु से संबंधित है।इन सभी विकास के दौरान 3 डी तकनीक सामने आयी है,और अंग प्रत्यारोपण के लिये एक महान तकनीक और सहायक उपकरण बधकर उभरी है।डाँ हुसैन कहते हैं कि 3 डी प्रिटिंग को अंग प्रत्यारोपण के लिये सबसे अच्छी तकनीको में से एक माना जाता है।इस तकनीक का उपयोग करके यह पाया गया है कि 3 डी प्रिटिंग मानव अ़ग से जुड़े जोखिम को कम करने और समाप्त करने एवं मानव को नये जीवन देने की क्षमता है।डाँ हुसैन बताते हैं इस रिसर्च को मेरे साथ पाँच रिसर्च स्काँलर ने मिलकर सउदी अरब के मक्का में पुरा किया है।विदित हो कि डाँ कमाल को वर्ष 2021 में बेहतरीन प्रदर्शन के लिये इंडिया बुक्स आँफ रिकार्ड में शामिल किया गया है।डाँ हुसैन के पिता एक जमाने में ग्रामीण चिकित्सक के रूप में जाने जाते रहें हैं।वे राजनीतिक रूप से भी क्षेत्र में सक्रिय रहें हैं,लेकिन बच्चों को शिक्षा देने में प्रारंभिक दौर से काफी सक्रिय रहे।धीरे धीरे सभी बच्चे विदेश में विभिन्न कंपनियों में अच्छे पद पर हैं।साधारण परिवार में जन्म लिये डाँक्टर हुसैन गांव के सरकारी स्कुलों से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर उच्च डिग्रियां हासिल की।पांच भाई बहनों में सबसे छोटे डाँ कमाल के इस उपलब्धि पर उनके पिता डाँ जुमैद अली उर्फ डाँ भोला,उनके बड़े भाई मो.आबिद हुसैन,मो.जावेद हुसैन,बहन नाहिद जया,आसमाँ खातुन ने इस सफलता पर बेहद प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि बचपन से प्रतिभाशाली डाँ कमाल सरकारी स्कुल में पढ़ने वावजूद ऐसे सफलता का प्राप्त कर सकेगा।यह उम्मीद से भी ज्यादा हो गया।भाईयों और बहनों को अपने भाई डाँ कमाल पर गौरव महसुस हो रहा है।डाँ कमाल समय समय पर कई बड़ी हस्तियों के हाथों एक मेहनत के बदौलत मुकाम हासिल किया,और अच्छे कार्यों के लिये पुरस्कृत होते रहें हैं।इसके अलावा डाँ कमाल समय समय पर विभिन्न विषयों पर डिजिटल और फिजिकली विदेशों में व्याख्यान दे चुके हैं।ऐसे होनहार बेटे पर छौड़ाही सहित जिला और देश प्रदेश के विभिन्न कोने में रह रहे साथियों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने डाँ कमाल के लगातार उपलब्धियों पर बधाई उन्हें एवं उनके परिजनों को बधाई दी है।दिल्ली में सुचना प्रसारण मंत्रालय पदस्थापित अनुसंधान पदाधिकारी प्रेम कुमार चेरियाबरियारपुर के विधायक राजवंशी महतो,पूर्व मंत्री सांसद रामजीवन सिंह,मंजू वर्मा,प्रखंड जदयु अध्यक्ष राम नरेश आजाद,ज्ञानोदय के प्रधानाचार्य सह निदेशक अंजेश कुमार,उनके उच्च विधालय के शिक्षक रहे सेवानिवृत्त जयकृष्ण प्रसाद सिंह,प्रभु नारायण सिंह,बचपन के स्कुली मित्र ज्ञानोदय के शिक्षक अजय कुमार,सरकारी शिक्षक निशांत कुमार,जीवछ यादव,राम नारायण यादव,राम उदय शर्मा एवं शाहिद आलम समेत दर्जनों लोगों ने उनकी सफलता पर हर्ष जताते हुये कहा कि यह हमारे क्षेत्र के साथ साथ बिहार और देश के लिये गौरविन्त करने का काम हुआ है।