भारतीय जनता पार्टी के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि काश राहुल गांधी उनकी चिंता पहले करते, जब वे कांग्रेस में थे.
ज्योतिरादित्या सिंधिया मीडिया में आई उन रिपोर्टों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें राहुल गांधी को यूथ कांग्रेस की एक बैठक में ये कहते हुए बताया गया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में रहते हुए कभी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते
दरअसल एक दिन पहले मीडिया में ऐसी रिपोर्टें आई थी कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने युवा कांग्रेस के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में होते, तो वह निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री बन चुके होते लेकिन अब वह बीजेपी में एक ‘बैकबेंचर’ बनकर रह गए हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया इसी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ राहुल गांधी ने सोमवार को कहा था- मैंने उनसे (ज्योतिरादित्य सिंधिया) से कहा था कि एक दिन आप मुख्यमंत्री बनोगे, लेकिन उन्होंने दूसरा रास्ता चुना.
राहुल गांधी ने यहाँ तक कहा- आप लिख लीजिए, वो वहाँ कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते. उन्हें इसके लिए यहाँ आना होगा
हालाँकि भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवासन ने राहुल गांधी के सिंधिया का उदाहरण पेश करने की बात से इनकार किया है. श्रीनिवासन के मुताबिक़ राहुल गांधी ने कहा था कि ‘कोई भी जो पार्टी में शामिल होना चाहता है या छोड़ना चाहता है, वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है. उन्होंने हमसे बीजेपी और आरएसएस के ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रखने की अपील की थी.
लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, ”अगर ऐसी ही बात है तो राजस्थान में सचिन पायलट को सीएम बना देना चाहिए. कांग्रेस को बहुत जल्द समझ में आ गया कि मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बिना पार्टी शून्य है.”
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से टकराव के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया 11 मार्च 2020 को बीजेपी में शामिल हो गए थे. उनके साथ उनके ही ख़ेमे के 20 से अधिक विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था.
इसके बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. पिछले साल जून में ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा सांसद चुने गए.
2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर अपनी पारंपरिक सीट गुना से लड़े थे, लेकिन बीजेपी के केपी सिंह यादव ने उन्हें हरा दिया था.
पिछले साल मार्च में कांग्रेस छोड़ते समय उन्होंने कहा था कि वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस में है, वो कांग्रेस पार्टी आज नहीं रही जो पहले थी.