डुंगरपाड़ा मोड़-जोरबहिंगा स्टेट सड़क का जल्द हो पक्की करण : कन्हाई चंद्र माल पहाड़िया
जामताड़ा| सड़क की बदतर स्थिति से इन दिनों कुंडहित प्रखंड क्षेत्र के लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है|आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है|आपको बता दें प्रखंड क्षेत्र में कई मुख्य मार्ग जर्जर अवस्था में है|जिससे राहगीरों को आवाजाही करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है|बताते चलें कुंडहित प्रखंड में कुछ ऐसे मुख्य मार्ग है जिसका आज तक पक्की करण नहीं हो सका है|इस संबंध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कन्हाई चंद्र माल पहाड़िया ने कहा कुंडहित प्रखंड के दर्जनों मुख्य मार्ग बदहाली का दंश झेल रहा है| पर विभाग को इससे कोई लेना देना नहीं है|जबकि प्रशासन इससे पूर्ण रूप से अवगत है| पहाड़िया ने कहा कि जामताड़ा टू सिउड़ी भाया डूंगरूपाड़ा मोड़,सितोमटोला नक्शा में स्टेट सड़क के रूप में दर्शाया हुआ है|सड़क की लंबाई लगभग 5 किलोमीटर है|सड़क पर विभाग का आज तक ध्यान नहीं गया| सड़क का आज तक पक्की कारण नहीं हो सका |जबकि सड़क का पक्कीकरण हो जाने से लोगों को प्रखंड मुख्यालय, जिला मुख्यालय जाने में काफी सुविधा होगी| झारखंड-पश्चिम बंगाल में व्यापार करने का मुख्य मार्ग है| पहाड़िया ने कहा खजूरी से जोरबहिंगा स्कूल मोड़ तक लगभग 3 किलोमीटर मुख्य सड़क लगभग 2 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत निर्माण किया गया था|पर सड़क के निर्माण के महज कुछ ही दिनों बाद पूरा सड़क उखड़ने लगा |सड़क की हालत ऐसी हो गए कि आज पूरा सड़क जर्जर हो गया है |वही चौधरडीह मोड़ से सिकंदरपुर,छोलाबेड़िया होते हुए मुड़ाबेड़िया पश्चिम बंगाल की सीमा तक लगभग 8 किलोमीटर मुख्य मार्ग का आज तक निर्माण नहीं हो सका| पहाड़िया ने घोलजोड़ से लोहारपाड़ा तक बन रहे पीएमजीएसवाई के तहत सड़क निर्माण में संवेदक की लापरवाही बताया| कहा कि यह सड़क ज्यादा दिन टिकने वाला नहीं है| कहा की सड़क निर्माण में काफी अनियमितता बरती गई है| पहाड़िया ने कहा कि विभाग की भी इस सड़क पर कोई निगरानी नहीं है|जिसका खामियाजा आए दिनों क्षेत्र के आम जनों को भुगतना पड़ेगा|कहा कि रामपुर में मुख्य मार्ग में दो बिजली का पोल खंभा खड़ा है जिसको अभी तक हटाया नहीं गया|जो संवेदक की कार्यशैली पर लापरवाही कहा जा सकता है| साथ ही साथ प्रशासन की भी लापरवाही है|जल्द ही खंभा को नहीं हटाया गया तो आने वाले समय में कभी भी अप्रिय दुर्घटना घट सकती है जिसका जिम्मेदार संवेदक व जिला प्रशासन होंगे|