पौराणिक युग की तरह आज भी महिलाएं सूखे पत्तियां से बनाती है भोजन, उज्जवला योजना रहा असफल
निजाम खान
जामताड़ा| देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्वला योजना के तहत महीलाओं को भोजन बनाते समय धूआं से मुक्ति के लिए गैस कनेक्शन जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं तो दी है पर इसका जमीनी स्तर पर बहुत हद तक सफल नहीं देखा जा रहा है| मामला जामताड़ा जिला अंतर्गत कुंडहित प्रखंड क्षेत्र का है|राष्ट्र संवाद ने जब प्रखंड क्षेत्र का दौरा किया तो पता चला मुड़ाबेड़िया पंचायत अंतर्गत भेलाडीह-1 गांव के समीप छोटे से जंगल में कुछ महिलाएं सूखे पत्तियां चुनते व बटोरते नजर आई|इस पर जब संवाददाता ने उक्त महिलाओं से बात किया तो पता चला महिलाएं जंगल में सूखी पत्तियां को बटोर कर घर ले जाती है और उसी से अपना भोजन बनाती है| महिलाओं ने कहा कि जब चूल्हे में सूखे पत्ते को डाला जाता है तो भोजन तो बनता है साथ ही साथ धुआं से भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है|आंख से पानी आने लगता है|दिमाग चकराने लगता है| फिर भी घूमने लगता है|पर मजबूरी के तहत सूखी पत्तियां से ही भोजन बनाना पड़ता है|वही यह भी पता चला कि कुछ वैसे भी महिलाएं हैं जिनको गैस कनेक्शन तो दिया गया है पर उसमें से कुछ जागरूकता के अभाव में गैस कनेक्शन व्यवहार में नहीं लाते हैं तो वहीं कुछ गरीब लोग गैस खरीद नहीं पाते हैं जिससे वह गैस कनेक्शन से दूर रहती है|वहीं दूसरी ओर कुछ लोग गैस कनेक्शन के प्रति इच्छुक है पर विभाग द्वारा अभी तक उन्हें गैस कनेक्शन नहीं मिला है| उल्लेखनीय है कि गैस कनेक्शन मिलने से महिलाएं गैस कनेक्शन का व्यवहार करने से धूआं से मुक्ति मिलता तथा विविध प्रकार की बीमारी से भी बचा जा सकता है|