गरीबों को गर्मी के दिनों में ठंडे पानी से प्यास बुझाने के लिए कुम्हारों ने देसी फ्रिज का कर रहे है निर्माण
निजाम खान
जामताड़ा| वसंत ऋतु का आगमन हो चुका है|धीरे-धीरे गर्मी का मौसम भी आ रहा है|सूर्य की रोशनी भी धीरे-धीरे गरमने के कगार पर है|ऐसे में गर्मी के दिनों में लोगों को प्यास बुझाने के लिए ठंडे पानी की आवश्यकता होती है|लेकिन इस गर्मी के दिनों में प्लास्टिक का घड़ा हो,एलुमिनियम का घड़ा हो, या फिर कांसे का घड़ा हो पानी गर्मी के दिनों में गर्म हो जाता है|इस तरह से पानी को ठंडा रखने के लिए अमीर घराने के लोग तो फ्रिज का उपयोग करते हैं|ऐसे में गरीबों के लिए देसी फ्रिज के रूप में एकमात्र मिट्टी का घड़ा ही काम करता है|इसके लिए कुम्हारों ने गरीबों को ठंडे पानी से राहत देने के लिए मिट्टी के घड़े बनाने के काम में लगभग 15 दिन पूर्व से ही काफी जोर-शोर से जुट गए हैं|ताकि लोगों को गर्मी का दिन में मिट्टी के घड़े का ठंडा पानी मिल सके|
कैसे बनाते हैं मिट्टी का घड़ा: इस संबंध में कुम्हार निवास पाल बताते हैं मिट्टी का घड़ा निर्माण करने के लिए 1 दिन पूर्व से मटियाला मिट्टी को छाई और बालू से अच्छे तरीके से गूंथा जाता है| उसके बाद उसको आकार दिया जाता है| फिर मिट्टी से ही रंग तैयार किया जाता है |उसी रंग को घड़े में लगाया जाता है | अच्छे तरीके से सुखाया जाता है |इसके बाद भट्ठा में डाला जाता है| काकी काफी कम कीमत पर लोगों को मिट्टी का घड़ा दिया जाता है |20-22 रुपया में मिट्टी का घड़ा दिया जाता है| कहा कि सही मायने में देखा जाएतो घड़ा बनाने में जो परिश्रम करना होता है उसका उचित मूल्य भी नहीं मिलता है|लेकिन अपना पेट पालने के लिए इसी से ही काम चलाना पड़ता है|