नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने मंगलवार को ‘द प्रेजिडेंशियल इयर्स’ किताब के प्रकाशन को रोकने के लिए कहा है. अभिजीत बनर्जी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि जारी किए गए अंश ‘मोटिवेटिड’ थे और पूर्व राष्ट्रपति ने इनके लिए मंजूरी नहीं दी होगी. उन्होंने पब्लिकेशन ग्रुप रूपा बुक्स Rupa Publications से इस किताब के प्रकाशन को रोकने के लिए कहा है.
अभिजीत मुखर्जी ने आज अपने ट्वीट में प्रकाशक कपीश मेहरा को संबोधित करते हुए कहा कि चूंकि मेरे पिता अब नहीं रहे, इसलिए मैं उनके बेटे के रूप में पुस्तक की अंतिम प्रति की सामग्री से गुजरना चाहता हूं. मेरे पिता अगर जिंदा होते तो वह भी ऐसा ही करते.
उन्होंने आगे ट्वीट करते हुए लिखा, “आपसे अनुरोध है कि जब तक मैं इसकी सामग्री को मंजूरी न दूं और लिखित में अपनी सहमति न दूं तब तक आप इसका प्रकाशन रोक दीजिए. मैंने पहले ही आपको इस संबंध में एक विस्तृत पत्र भेज दिया है जो जल्द ही आप तक पहुंच जाएगा.”
प्रणब मुखर्जी ने स्वयं दी थी मंजूरी
इस संबंध में नाम न छापने की शर्त पर एक Rupa Books के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने न केवल पांडुलिपि के अंतिम मसौदे को मंजूरी दी थी, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने से एक दिन पहले कवर को भी मंजूरी दी थी.
सम्बंधित अधिकारी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने 2013 में उनके साथ पहला एग्रीमेंट किया था और 2018 में अपनी नई किताब के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए थे लेकिन तब अभिजीत मुखर्जी कहीं नहीं थे.
प्रकाशक रूपा ने किए थे किताब के कुछ अंश जारी
बता दें कि प्रकाशक रूपा बुक्स ने शुक्रवार को #ThePresidentialYears के कुछ अंश जारी किए थे जिसमें उन्होंने 2014 के आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी की आपसी कलह और पतन के लिए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराया था. पुस्तक में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में अपने पहले कार्यकाल के दौरान शासन की एक निरंकुश शैली को नियोजित किया था.
पूर्व राष्ट्रपति के साथ काम करने वाले एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति मुखर्जी ने किताब की नई वॉल्यूम के प्रकाशन को मंजूरी दे दी थी. हालांकि उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस बारे में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने भी किताब के विवरण या उसके खुलासे पर कोई जवाब नहीं दिया है.