लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को बड़ा निर्णय लेते हुए अगले छह महीने तक प्रदेश में किसी भी सरकारी विभाग, सरकार के नियंत्रण वाले निगम और प्राधिकरणों आदि में हड़ताल करने पर रोक लगा दी है. प्रदेश सरकार ने अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण, 1996 की धारा 3 की उपधारा (1) के द्वारा दी गई शक्ति का प्रयोग करते हुए प्रदेश में एस्मा लागू कर दिया है.
जिसके बाद सरकारी विभाग, सरकार के नियंत्रण वाले निगम और प्राधिकरणों आदि में हड़ताल करने पर रोक लगा दी गई है. अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. आदेश के बाद कर्मचारी 25 मई तक हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे. माना जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार ने यह फैसला लिया है.
सीएम योगी आदित्यनाथ के निदेर्शानुसार कंटेनमेंट जोन के बाहर समस्त सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों में एक समय में किसी भी बन्द स्थान जैसे हॉल या कमरे की निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत, किंतु अधिकतम 100 व्यक्तियों तक ही मौजूद रह सकेंगे. कार्यक्रमों में फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजर एवं हैंडवॉश की व्यवस्था अनिवार्य होगी. यही नहीं, खुले स्थान जैसे मैदान आदि पर, ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के 40 प्रतिशत से कम क्षमता तक ही लोगों के होने की अनुमति होगी.
कोविड काल में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूपी की योगी सरकार की सराहना की है. खुद पीएम मोदी ने कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोविड-प्रबंधन को अन्य राज्यों के लिए नजीर बताया है. हड़ताल करने के फैसले पर रोक का कारण भी कोरोना ही बताया जा रहा है.