चुरू. राजस्थान के चुरू के राजगढ तहसील के गांव रामपुरा साढ़े आठ माह की गभज़्वती महिला रचना की मौत हो गई थी. मृतका के परिजनों ने इस मामले में चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया. रविवार को इस मामले को लेकर दिनभर रामपुरा में घमासान मचा रहा.
मृतका के पति राजेंद्र उर्फ राजू मीणा के अनुसार शुक्रवार को वह पत्नी रचना को दिखाने के लिए गांव के आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गया था. वहां डॉ भीमराज ने जांच कर रिपोर्ट सही बता दी तो वह पत्नी को लेकर घर चला गया. घर जाते ही रचना को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो वह उसे लेकर वापस अस्पताल पहुंचे.
वहां डॉ. भीमराज ने कहा कि स्थिति सामान्य है प्रसव हो जाएगा. उसके बाद डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया तो रचना की तबीयत बिगड़ गई. यह देखकर डॉक्टर वहां से भागने लग गया. बाद में उसे रोका तो उसने रचना को राजगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन एम्बुलेंस भी नहीं दी. इस पर रचना को निजी वाहन से रचना को राजगढ़ ले गए. वहां से उसे चूरू रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में रचना की मौत हो गई.
मृतका के पति का आरोप है कि डॉ भीमराज की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हुई है. घटना को लेकर हमीरवास थाने में मामला दजज़् कराया गया. पीडि़त परिवार ने रामपुरा अस्पताल स्टाफ को सस्पेंड करने, 10 लाख रुपये मुआवजा और प्रकरण में डबल मर्डर का मामला दर्ज करने की मांग की.
इसके लिये ग्रामीणों ने संघर्ष समिति का गठन कर अस्पताल में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. समय रहते जिला प्रशासन की ओर से कदम नहीं उठाने पर यह बात फैलती गई और भीड़ जुटती गई.
वहीं इस दौरान भीड़ भड़क गई और पत्थरबाजी शुरू कर दी. इस दौरान पुलिस की गाड़ी में तोडफ़ोड़ कर दी गई. पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए आंसु गैस के गोले दागे और भीड़ को तीतर बीतर किया.
भीड़ के पथराव में राजगढ़ सीआई सहित दो पुलिसकर्मी और एक ग्रामीण महिला घायल हो गई. भीड़ के पथराव से बचने के लिये पुलिस को काफी संघर्ष करना पड़ा. बड़ी मुश्किल से मामला काबू में आया. भीड़ का रौद्र रूप देखकर पुलिसकर्मी सहम गये. हालात बिगड़ते देखकर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पहुंचे.