दिनेश कुमार रजक की रिपोर्ट
मिहिजाम(जामताड़ा): जामताड़ा जिले का प्रमुख स्थान मिहिजाम, जो कि पश्चिम बंगाल व झारखंड की सीमा पर स्थित है। कहने को तो यह औद्योगिक क्षेत्र है, लेकिन यहां के अधिकांश फैक्ट्रियां वर्षों से बंद रहने के कारण खंडहर में तब्दील हो चुकी है, लेकिन इस ओर न तो प्रशासन का ध्यान है और न ही राज्य सरकार गंभीर दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि संयुक्त बिहार के समय में मिहिजाम को औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया था। यहां दर्जनों फैक्ट्री खुली लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते धीरे-धीरे सब बंद होते चले गए। अगर सरकार इस पर ध्यान आकर्षित करे तो यह फिर से विकसित की ओर अग्रसर हो सकता है।
विधायक इरफान अंसारी ने चुनाव आयोग के फैसले पर उठाया सवाल
कहा- राज्यसभा चुनाव पर पड़ेगा असर:
रोजगार के लिए लोगों को नहीं करना पड़ेगा पलायन।
बताया जाता है कि संयुक्त बिहार सरकार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मिहिजाम में औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया था। उस दौरान यहां काफी संख्या में फैक्ट्रियां खोली गयी थी और चालू भी हुआ था। लेकिन धीरे-धीरे वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण एक-एक कर सभी फैक्ट्रियां बंद होती चली गई। जो भी यहां के लोगों के लिए रोजगार का साधन था, वह समाप्त होता चला गया। स्थानीय विधायक इरफान अंसारी ने फैक्ट्री चालू कराने का प्रयास नहीं होना व औद्योगिक क्षेत्र के पूर्ण विकास नहीं होने की जिम्मेवारी पूर्व की सरकार को ठहराया है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार टीम भेजकर सर्वे करवाएगी। सर्वे के बाद अगर लगेगा कि औद्योगिक क्षेत्र विकसित के लायक है तो इस पर काम किया जाएगा। मामले में जामताड़ा उपायुक्त गणेश कुमार ने भी हरसंभव सहयोग करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि बंद पड़े फैक्ट्रियों को विकसित करने को लेकर फैक्ट्री के मालिकों को जानकारी की जा रही है। जानकारी मिलने के बाद बैठक की जाएगी। बैठक के बाद जो समस्या आएगी, उसे दूर कर फैक्ट्री चालू कराने का प्रयास किया जाएगा।
मिहिजाम औद्योगिक क्षेत्र का कायाकल्प:
बता दें कि झारखंड अलग राज्य बनने के बाद लोगों में यह उम्मीद जगी थी कि वीरान पड़े इस मिहिजाम औद्योगिक क्षेत्र का कायाकल्प होगा। कितनी सरकारें आई और गई, लेकिन मिहिजाम औद्योगिक क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया। जरूरत है इसे विकसित करने की, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया हो सके।