गोरेगांव: महराष्ट्र में 19 सफाई कर्मियों ने नगर पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए केंद्र व राज्य सरकार से न्याय नहीं मिलने पर इच्छामृत्यु की मांग की है. कर्मियों ने हस्ताक्षरयुक्त पत्र में उनके साथ हो रहे अन्याय की जानकारी से प्रशासन को अवगत कराया है. नपं में घनकचरा सफाई के कुल 32 सफाई कर्मी हैं, किंतु 19 सफाई कर्मियों ने घनकचरा व्यवस्थापन ठेकेदार व नपं प्रशासन उन्हें शारीरिक कष्ट देकर मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है.इन कर्मियों ने अपने पत्र में शासन को जानकारी दी कि 5 महीने से वेतन नहीं मिला तथा मिलने वाला वेतन उनके बैंक खाते में जमा किया जाए, उनके फर्जी हस्ताक्षर से 448 रुपये के स्थान पर 225 रुपये ही दिया जा रहा है. साथ ही ईपीएफ की रकम जमा नहीं की जाती है. शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं सुरक्षा की दृष्टिकोण से कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, सफाई कर्मियों की बजाय फर्जी लोगों के नाम का बीमा निकाला गया है. हाजिरी बुक में फर्जी कामगारों के नाम हैं.उनके कोरे कागज पर हस्ताक्षर के लिए दबाव डाला जाता है. बार-बार काम से निकाला जाता है. सफाई कर्मियों ने नपं प्रशासन पर मौखिक और लिखित शिकायतों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति में वेतन से वंचित इन 19 सफाई कर्मियों ने उनके साथ न्याय कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
अपनी इच्छा से किया काम बंद : बारेवार
नगराध्यक्ष आशीष बारेवार ने कहा कि इन सफाई कर्मियों ने अपनी इच्छा से काम बंद किया था, फिर भी इन्हें काम पर लौट आने की अपील मुख्याधिकारी ने की थी. कोरोना वायरस के चलते सफाई कर्मियों की कमी न हो इसलिए ठेकेदार द्वारा इनके स्थान पर दूसरे सफाई कर्मी उपलब्ध कराये गए है. इसमें नगर पंचायत की कोई भूमिका नहीं है.