केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि दिशा-निर्देशों का पालन करने में विफल होने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
नई दिल्ली। दुनियाभर में इस वक्त हर कोई कोरोना वायरस की बात कर रहा है। यह वायरस अब तक 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है और 2.16 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। लोगों में डर का माहौल है और ऐसे में कोरोना की जांच के नाम पर कई जगह लोगों से मनमानी फीस वसूली जा रही है। इस पर केंद्र सरकार ने शनिवार को सिफारिश की है कि COVID-19 की जांच के लिए प्राइवेट लैब्स 4,500 रुपए से ज्यादा चार्ज नहीं लगाएं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार रात अधिसूचित किया कि NABL मान्यता प्राप्त सभी निजी प्रयोगशालाओं को COVID-19 परीक्षण करने की अनुमति होगी। नेशनल टास्क फोर्स की सिफारिश है कि परीक्षण के लिए अधिकतम शुल्क 4,500 रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि संदिग्ध मामलों के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में 1,500 रुपए और पुष्टिकरण परीक्षण के लिए अतिरिक्त 3,000 रुपए लिए जा सकते हैं।
हालांकि, दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के इस समय में मुफ्त या सब्सिडी वाले परीक्षण को प्रोत्साहित करता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि दिशा-निर्देशों का पालन करने में विफल होने पर कानूनी कार्रवाई होगी। नमूना संग्रह और परीक्षण के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ICMR ने एक मरीज से श्वसन के नमूने एकत्र करते समय उचित जैव सुरक्षा और जैव सुरक्षा सावधानी सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।
वैकल्पिक रूप से COVID-19 की जांच के लिए विशिष्ट अलग नमूना संग्रह साइट बनाई जा सकती है। इस बीच भारत में पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश में जनता कर्फ्यू लगा दिया गया है। रविवार सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया है।